पढ़ाई में कमजोर होने के चलते बनना चाहते थे कबाड़ी, अब है आईएएस ऑफिसर

किसी भी काम को इतनी शिद्दत से करो कि सफलता तुम्हारी हो जाए। इस लाइन के एक-एक शब्द को सच कर दिया है उत्तराखंड(Uttarakhand) के मसूरी (Mussoorie) के एक लड़के ने। उसने अपनी मेहनत को उस ऊंचाई तक पहुंचाया कि आज उसकी गिनती देश के तेज-तर्रार IAS ऑफिसर्स में होती है। कभी पढ़ाई-लिखाई में कमजोर रहे दीपक रावत (Deepak Rawat) की आज तगड़ी फैन-फॉलोइंग है। उनकी स्टाइल के खूब चर्चे हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके अच्छे-खासे फॉलोवर्स हैं। यूट्यूब पर उनकी फील्ड विजिटिंग काफी फेमस है तो लोग उनके गाने के भी दीवाने हैं।

एक यू-ट्यूब चैनक को दिए इंटरव्यू में IAS दीपक रावत ने बताया कि वह पढ़ाई में काफी कमजोर थे। कई बार उन्हें डांट सुननी पड़ती थी। इसीलिए वह कबाड़ी वाला (स्क्रैप डीलर) बनना चाहते थे। उन्होंने बताया कि जब वे छोटे थे तब टूथपेस्ट के पैकेट, खाली डिब्बे, टूटे-फूटे सामान लेकर घर के बाहर दुकान लगाते थे। जब उनसे घर के लोग पूछते कि बड़े होकर क्या बनोगे तो वे कहते कि मैं कबाड़ी वाला बनना चाहता हूं।

दीपक रावत ने अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा करते हुए बताते हैं कि जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएशन कर रहे थे तब उनकी मुलाकात विजेता सिंह नाम की लड़की से हुई। दोनों की दोस्ती प्यार में बदली और बाद में शादी कर ली। दोनों के दो बच्चे भी हैं, बेटी दिरिशा और बेटे दिव्यांश।

दीपक का जन्म 1977 में मसूरी में हुआ था। यहीं से उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की। इसके बाद ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली चले गए। दीपक ने हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू की और साथ ही UPSC की तैयारी भी। पहले दो अटेम्पट में उन्हें असफलता मिली लेकिन वे निराश नहीं हुए और तीसरी बार में सफलता हासिल कर ली।

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