
रांची।शिक्षा विभाग के द्वारा ओएमआर सीट के माध्यम से बच्चों की ली गई परीक्षा स्कूल के शिक्षकों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गयी है। विभाग के द्वारा पल पल बदले जा रहे आदेश से शिक्षक काफी परेशान है। पहले तो शिक्षकों को ओएमआर सीट लेने के लिए बीआरसी कार्यालय का दौड़ लगानी पड़ी।शिक्षक बीआरसी से ओएमआर सीट अपने विद्यालयों में ले जाकर बच्चों की परीक्षा संपन्न कराया। यह परीक्षा बीते 31 मार्च को जिले के सभी पांच से आठ तक के विद्यालयों में हुआ था। इस परीक्षा में लगभग 77 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए।
परीक्षा संपन्न होने के बाद 31 मार्च को ही शिक्षकों को हर हाल में बीआरसी कार्यालय में ओएमआर सीट जमा कराने का निर्देश दिया गया। स्कूल के शिक्षक परीक्षा कराने के बाद घंटों लाइन में लगकर बीआरसी कार्यालय में ओएमआर सीट जमा कराया।पहले विभाग से आदेश आया था कि ओएमआर सीट किसी भी हाल में परीक्षा संपन्न होने के बाद उसी तिथि को बीआरसी कार्यालय में जमा करा दें। बाद में ओएमआर सीट रिसीव नहीं लिया जाएगा। ओएमआर सीट मूल्यांकन के लिए रांची भेजा जाएगा।
ओएमआर सीट का मूल्यांकन राज्य झारखंड शिक्षा परियोजना में कंप्यूटर के माध्यम से किया जाएगा। इस आदेश का पालन करते हुए शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय में सभी ओएमआर सीट बंद लिफाफे में जमा कराया।इसके बाद बीते दो अप्रैल को राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पांसी का आदेश जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय को आया कि बीआरसी में जमा कराए गए ओएमआर सीट फिर से शिक्षकों को वापस कर दिया जाए। अब ओएमआर सीट का मूल्यांकन शिक्षक अपने स्कूलों में स्वयं करेंगे।
इसके बाद बीआरसी कार्यालय के पदाधिकारी शिक्षकों को बीआरसी आकर ओएमआर सीट वापस स्कूल ले जाने का दबाव बना रहें है। शिक्षक फिर से चिलचिलाती धूप में बीआरसी कार्यालय पहुंचकर ओएमआर सीट ले जा रहे हैं।