मां की देखभाल के लिए बेटे ने छोड़ दी इंजीनियर की नौकरी, 7 लाख की लगी थी नौकरी

मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे प्यारा और अनमोल होता है। मां की ममता और प्यार हर इंसान के लिए बहुत खाश होता है। मां बच्चे की हर जरूरत बिना कहे ही समझ कर पूरी कर देती है। मां अपने बच्चे के लिए अपने ज़िंदगी में कई त्याग करती है, लेकिन दुनिया में ऐसे कम ही बच्चे होते हैं, जो अपनी मां की इच्छाओं और जरूरतों को बिना कहे ही समझ कर उनकी जरूरतों का ध्यान दे। कुछ ऐसा ही किया है झारखंड के जमशेदपुर में मां के सच्चे लाल सुजीत कुमार जोधा ने।

अपनी मां की देखभाल के लिए सुजीत ने अपने सपनों की कुर्बानी दे दी। इंजीनियर के पद पर पुणे में मिल रही लाखों की सैलरी वाले ऑफर को छोड़ ग्रेजुएट कॉलेज में बतौर क्लर्क नौकरी कर रहे हैं। सुजीत के पिता का निधन उस समय हो गया, जब वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। लास्ट सेमेस्टर में होने के दौरान पिताजी के गुजरने के बाद मां और बहन की जिम्मेदारी सुजीत पर आ गई। सेमेस्टर का खर्च भी नहीं निकल पा रहा था। ऐसे में दोस्तों ने मदद का हाथ बढ़ाया और फाइनल सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी कराई।

सुजीत को टेल्को टाटा मोटर्स कंपनी में प्लेसमेंट के बाद पुणे में नौकरी मिलनी थी, जिसका पैकेज 7 लाख सलाना था। लेकिन मां को घर में अकेला छोड़ना सुजीत को गंवारा नहीं हुआ और अपनी नौकरी छोड़ दी। उन्होंने शहर में ही रहकर मां की देखभाल करने और नौकरी करने का फैसला किया। सुजीत के पिता ग्रेजुएट कॉलेज में क्लर्क के तौर पर काम करते थे। इस वजह से अनुकंपा पर क्लर्क की नौकरी सुजीत ने ज्वाइन कर ली। उन्होंने अपनी छोटी बहन को पढ़ाकर शादी भी की।

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