• रामगढ़ में मॉब लिंचिंग:ठगी के आरोप में भीड़ ने पीट- पीट कर मार डाला ,परिजनों का आरोप लूट के बाद हत्या

    रामगढ़ में मॉब लिंचिंग का एक और मामला सामने आया है। भीड़ ने मंगलवार को सिकनी गांव में शमशाद अंसारी की हत्या कर दी। ग्रामीणों ने उस पर ठगी का आरोप लगाया और भीड़ ने उसे इतना पीटा की उसकी मौत हो गयी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। घटना की सूचना मिलने के बाद रजरप्पा थाने की पुलिस ने शमशाद अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इलाके में अब भी तनाव का माहौल है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटना रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड के सिकनी गांव की है। आज पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को शव सौंपा जायेगा। बताया जा रह रहा है कि दस बजे के बाद पोस्टमॉर्टम होगा। इलाके में सुरक्षा बल तैनात हैं।

    शमशाद पर ठगी का आरोप

    शमशाद अंसारी ने हराधन महतो से उसके बेटे को बचाने के नाम पर पैसे लिए। हराधन का बेटा सहायक शिक्षक रामकुमार महतो घर पहुंचा तो उसे जानकारी मिली कि शमशाद उसके नाम पर पैसे लेकर गया है। बेटे का आरोप था कि पिता से मुसीबत से बचाने के नाम पर शमशाद ने ठगी की है। ग्रामीणों के साथ मिलकर बेटे ने शमशाद की तलाश शुरू कर दी। सिकनी-मरंगमरचा मार्ग के रेलवे पुल के समीप मिला। वह बाइक पर सवार था।

    ग्रामीणों ने लाठी डंडों से पीटना शुरू कर दिया

    बाइक से नीचे उतार ग्रामीणों ने लाठी-डंडे से मारपीट शुरू कर दी। 30-40 की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ काफी उग्र थी। मारपीट के दौरान उसके कपड़े फट गए। वह नंगा हो गया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल में भर्ती कराया। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हरिनंदन सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की मारपीट में शमशाद की मौत हुई है। मृतक शमशाद अंसारी पर रामगढ़ जिले के कई स्थानों में मामले दर्ज हैं पतरातू थाने में भी ठगी के इसी तरह का मामला दर्ज है। गोला थाना में चार्टशीट भी दायर है। इस मामले को लेकर शमशाद के परिजन लूट और हत्या का आरोप लगाते हुए मोब ब्लीचिंग की बात कह रहे है।

  • चाईबासा में नक्सलियों का आतंक जारी, पुलिस मुखबिरी के शक में 3 दिन में दो ग्रामीणों की हत्या

    झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में माओवादियों ने पुलिस मुखबिर के शक में एक ग्रामीण की हत्या कर दी है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि माओवादियों के एक समूह ने सोमवार को रेनग्रहातु गांव में 48 वर्षीय सुपाई मुरकान नामक ग्रामीण की हत्या कर दी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण का पुलिस के साथ कोई लेना-देना नहीं है. माओवादियों ने इससे पहले रविवार को गितिलिपा के नजदीक 65 वर्षीय एक और व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जबकि सोमवार को देसी विस्फोटक (आईईडी) में हुए धमाके में एक माओवादी समर्थक भी मारा गया.

    रविवार को शख्स की हत्या करने के बाद नक्सलियों ने उस जगह पर पर्चा भी फेंका है. बता दें कि, पूरे जिले में पुलिस नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है. इनके खिलाफ कारगर कार्रवाई के लिए चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 BN, 203 BN, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ 60 BN, 197 BN, 157BN, 174 BN, 134BN, 193BN, 07BN, 26BN की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार अभियान चलाया जा रहा है. बता दें कि, अब भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है.

    नक्सलियों ने जारी किया ये फरमान
    वहीं ग्रामीणों ने बताया है कि घटना गोईलकेरा थानाक्षेत्र के नक्सल प्रभावित गितिलपी गांव के पास की है. मौके पर शव के पास भाकपा माओवादी नक्सली संगठन का पोस्टर पड़ा हुआ है, जिसमें मृतक व्यक्ति पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया है. मृतक व्यक्ति रांदो सुरीन गोईलकेरा के कदमडीहा गांव का निवासी है और उसकी उम्र करीब 60 साल है. वह मौजूदा समय में सुदूर क्षेत्र में स्थित लोवाबेड़ा वनग्राम में रहता था. इस घटना के बाद से क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल है. वहींं पुरानी मांगों के साथ नक्सलियों ने तीन नए फरमान जारी किए हैं.

  • सरायकेला में विस्थापितों का जल सत्याग्रह, लोगों ने नदी में घुसकर इस तरह किया प्रोटेस्ट

    झारखंड के सरायकेला खरसावां जिला के अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले घोषित जल सत्याग्रह को लेकर चांडिल डैम के आसपास मंगलवार को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया. जगह-जगह पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था. इस दौरान पुलिस प्रशासन के सीनियर अधिकारी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे. चांडिल डैम जाने वाले दोनों मुख्य राज्य मार्ग की सड़क पर पुलिस के जवान तैनात किया गया था. वहीं डैम के नौका विहार स्थल पर भी दंडाधिकारी के साथ बड़ी संख्या में महिला पुलिस व पुरुष पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था. डैम के अंदर किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा था.

    ‘संवैधानिक अधिकार का हनन’

    इसके बाद ईचागढ़ प्रखंड पातकुम स्वर्ण नदी घाट में सैकड़ों की तादात में विस्थापितों ने अपनी मांग को लेकर जल सत्याग्रह किया. इनका कार्यक्रम चांडिल डैम में जल सत्याग्रह का था, लेकिन जगह-जगह पर दंडाधिकारियों के साथ-साथ तैनात पुलिस जवानों ने उन्हें ऐसा करने से जब रोक दिया तो वे स्वर्ण नदी में ही जल सत्याग्रह करने लगे. इस दौरान अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि, लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण रूप से आंदोलन नहीं करने देना संवैधानिक अधिकारों का हनन है. उन्होंने कहा कि अपने जायज मांगों के समर्थन में मंच के बैनर तले विस्थापित आंदोलन कर रहे हैं.

    40 साल बाद भी नहीं मिला मुआवजा

  • 16 की दुल्हन… 52 का दूल्हा, झारखंड की लड़की पहुंची बिहार, बोली- ‘दीदी बचा लो…’, जानें पूरा मामला

    झारखंड से बिहार के भागलपुर पहुंची एक लड़की ने मंगलवार (22 अगस्त) को पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंची कि उसकी शादी जबरदस्ती करा दी गई है. वह 16 साल की है जबकि उसके पति की उम्र करीब 52 साल है. हालांकि दूसरे राज्य का मामला होने के चलते भागलपुर के एसएसपी ने कहा कि इस केस में जीरो एफआईआर दर्ज कर झारखंड पुलिस को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.

    पीड़िता ने बताया कि वह गोड्डा के पथरगामा की रहने वाली है. उसने कहा कि अगर उसकी मदद नहीं की गई तो वह जान दे देगी. मंगलवार को पत्रकारों से पीड़िता ने कहा कि 28 जुलाई को दुमका के रहने वाले सुनील हेंब्रम से उसकी शादी हुई है. जबरदस्ती पिता ने शादी कर दी. पति और ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं. मारपीट करते हैं. पित पिस्टल का भय दिखाकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता है. किसी तरह वह भाग कर अपनी दीदी के यहां भागलपुर पहुंची.

    सोशल मीडिया पर पोस्ट किया वीडियो

    पीड़िता ने कहा कि वह अपनी बड़ी बहन के पास पहुंची और मदद की गुहार लगाई. इसके बाद बड़ी बहन के साथ पति की शिकायत करने के लिए महिला थाना पहुंची, लेकिन मदद नहीं की गई. इसके बाद वह इशाकचक थाने गई, लेकिन यहां से किसी ने नहीं सुना. अंत में वह डीआईजी ऑफिस पहुंची लेकिन इसका आवेदन स्वीकार नहीं हुआ. लड़की ने अंत में अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला जिसमें उसने अपनी पूरी समस्या बताई. कहा कि उसे पढ़ना है. अगर मदद नहीं की गई तो वह जान दे देगी. पीड़िता ने 2007 में मैट्रिक पास किया है.

  • Jharkhand: ED की रडार पर आए BJP के दो बड़े नेता, सुबह 6 बजे से चल रही छापेमारी, कांग्रेस पर भी गिरी गाज

    झारखंड के कई शहरों में बुधवार सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम शराब घोटाला मामले में छापेमारी कर रही है. ईडी की टीम रांची, दुमका, देवघर, गोड्डा, जामताड़ा सहित 32 जगह छापेमारी कर रही है. यह छापेमारी झारखंड राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, उनके बेटे रोहित उरांव सहित देवघर के जमीन कारोबारी और बीजेपी नेता अभिषेक झा और निर्भय शाहाबादी के यहां भी चल रही है. निर्भय शाहाबादी बीजेपी के नेता हैं और गिरिडीह से पूर्व विधायक भी रहे हैं. इन नेताओं के यहां शराब मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की रेड पड़ी है. बता दें कि, अभिषेक झा पूर्व मुख्यमंत्री बिनोदानंद झा के पोते हैं.

    नेक्सजेन के मालिक के यहां भी पड़ा छापा

    वहीं इन सब के अलावा नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह और शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनके करीबियों से संबंधित ठिकानों पर भी ईडी की छापेमारी चल रही है. मिली जानकारी के अनुसार पूरी छापेमारी शराब मामले में की जा रही है. रांची के हरमू में योगेंद्र तिवारी के घर और दुमका महिजाम के फार्म हाउस में भी टीम छापेमारी कर रही है. रांची में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के यहां भी ईडी की टीम पहुंची है. मंत्री के बेटे योगेंद्र तिवारी शराब कारोबारी के पार्टनर हैं. नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह के यहां भी टीम पहुंची है. इसके अलावा रांची के बड़े कारोबारी श्रवण जालान के ठिकाने पर भी ईडी टीम ने छापा मारा है.

    32 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी जारी

    छापेमारी के लिए ईडी की टीम सुबह-सुबह निकली थी. रिपोर्ट के अनुसार 32 ठिकानों पर एजेंसी की छापेमारी जारी है. बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ वाले सिंडिकेट को लेकर झारखंड में रेड की जा रही है. दुमका में शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के कार्यालयों, करीबियों और परिजनों के यहां छापेमारी जारी है. बताया जा रहा है कि तनिष्क शोरूम और तिवारी ऑटोमोबाइल योगेंद्र तिवारी के करीबियों के यहां भी टीम छापेमारी कर रही है. रेड के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

  • मुंबई-रांची की फ्लाइट में यात्री को खून की उल्टियां, नागपुर में इमरजेंसी लैंडिंग; इलाज से पहले यात्री की मौत

    मुंबई-रांची उड़ान के दौरान एक यात्री की तबीयत खराब होने के कारण इंडिगो के विमान को सोमवार की शाम को नागपुर में आपात रूप से उतरना पड़ा. बीमार यात्री को नगापुर के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. नागपुर केआईएमएस अस्पताल के डीजीएम एजाज शामी ने कहा कि 62 वर्षीय यात्री किडनी और तपेदिक की बीमारी से पीड़ित था.

    यात्री की पहचान देवानंद तिवारी (उम्र 62 वर्ष) के तौर पर हुई. यह घटना इंडिगो एयरलाइंस (इंडिगो) की मुंबई से रांची आने वाली फ्लाइट संख्या 6E 5093 में हुई. उड़ान के दौरान देवानंद तिवारी को खून की उल्टी हुई. मुंबई से रांची की यात्रा के दौरान उनकी हालत बिगड़ गई.इसके बाद नागपुर स्थित डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की गई लेकिन इलाज से पहले ही यात्री की मौत हो गई.

    17 अगस्त को हुई थी एक पायलट की मौत
    देवानंद तिवारी इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट में सफर कर रहे थे. उन्हें किडनी की समस्या थी और टीबी भी थी. यात्रा के दौरान उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई. उसे बहुत खून की उल्टियाँ होने लगीं और उसकी मृत्यु हो गई. नतीजतन, विमान की नागपुर में आपात्कालीन लैंडिंग करायी गयी.

    इससे पहले 17 अगस्त को नागपुर एयरपोर्ट पर उड़ान भरने से पहले एक पायलट की मौत हो गई. पायलट इंडिगो एयरलाइंस का था. उनका नाम कैप्टन मनोज सुब्रमण्यम था. वह नागपुर से पुणे के लिए फ्लाइट पकड़ने वाला था. लेकिन एयरपोर्ट के बोर्डिंग गेट के पास वह अचानक गिर पड़े और उनकी मौत हो गई. शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई. इस घटना के बाद एयरपोर्ट पर सनसनी मच गई.

  • शादी के 61 दिन बाद पति की हत्या, प्रेमी के साथ रहना चाहती थी कंचन मिलकर पति को मार डाला, अब हुई उम्र कैद की सजा

    हजारीबाग : जिला सत्र न्यायाधीश छह कशिका एम कुमार ने हत्या के एक मामले में सुनवाई करते हुए आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में एक पत्‍नी ने अपने ही पति की साजिश रचकर हत्या करा दी है। इसमें उसके प्रेमी ने उसका साथ दिया है।

    हत्‍या के जुर्म में अब जेल में कटेगी में पूरी जिंदगी

    नवविवाहिता कंचन कुमारी पिता खेमन महतो, (ग्राम चुंबा, गिद्दी) व उसके प्रेमी हत्यारा शिवानंद प्रसाद पिता जयनंदन महतो (गुरुचट्टी बड़कागांव) को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने दोनों को विकास कुमार की हत्या का दोषी पाते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 302 एवं 34 के तहत आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनों दोषियों को दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

     

  • आईईडी की चपेट में आया नक्सली समर्थक:नक्सलियों से मिलकर लौट रहा था वापस आईईडी में पड़ा पैर, घटनास्थल पर ही मौत

    नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए कोल्हान जंगल के टोंटो थाना क्षेत्र में कई जगह पर आईईडी लगा रखी है। इसी आईईडी की चपेट में आने से एक नक्सली समर्थक की मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि वह नक्सलियों से मिलकर लौट रहा था। अचानक उसका पैर आईईडी में पड़ गया और उसकी मौत हो गयी।

    इस संबंध में एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि गोईलकेरा थाना क्षेत्र के राजबासा का रहने वाला अर्जुन सुरीन नक्सलियों के लिए काम करता था। उन तक मदद पहुंचाता था वह नक्सली समर्थक था। वह वनग्राम राजाबासा में रह नक्सलियों (भाकपा माओवादी) को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराता था।

    एसपी ने बताया कि वह नक्सलियों से मिलने दो या तीन दिन पहले गया था। वनग्राम राजाबासा से हुसीपी गया था। मिलकर जब वह वहां से लौट रहा था तो उसके पैर आईईडी में पड़ गये। और उसकी मौत हो गयी। पुलिस यह जानकारी इकट्ठा कर रही है कि वह इस बार किस तरह की मदद लेकर नक्सलियों के पास गया था। अर्जुन सुरीन का आपराधिक इतिहास भी रहा है टोंटो थाना के दो कांडों में शामिल रहा है। पुलिस अब इस मामले में पड़ताल कर रही है। पुलिस ने उसके परिजनों से भी पूछताछ शुरू की है।

    नक्सलियों ने कई जगहों पर जंगल के रास्ते में आईईडी बम और स्पाइक बिछा रखे हैं। सुरक्षा बल के अलावा आम ग्रामीण भी इन आईईडी की चपेट में आते रहते हैं। अबतक 12 से अधिक ग्रामीण इन आईईडी की चपेट में आ चुके हैं दूसरी तरफ सुरक्षा बल लगातार इन आईईडी बम को तलाशने और उन्हें हटाने में लगे हैं। अबतक कई सफल अभियान में रास्ते से कई आईईडी बम हटाए गये हैं।

  • आंगनबाड़ी केंद्रों को दिए जाने वाले रेडी टू ईट के पैकेट से चम्मच गायब कर सालाना एक करोड़ का घपला कर रही एजेंसी

    घोटाला झारखंड की पहचान बन गया है। कभी मनरेगा घोटाला, कभी खनन घोटाला तो कभी कंबल घोटाला। और अब एक नया घोटाला सामने आया है-चम्मच घोटाला। राज्य के 38,441 आंगनबाड़ी केंद्रों में निबंधित 4.09 लाख गर्भवती व दूध पिलाने वाली मां और 14.23 लाख तीन साल तक के बच्चों काे हर माह दिए जा रहे रेडी टू ईट के पैकेट से चम्मच की चोरी हो रही है। इसकी आपूर्ति करने वाली एजेंसी आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषाहार पैकेट के साथ चम्मच नहीं देकर सालाना करीब एक करोड़ रुपए बचा रही है।

    महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा इन महिलाओं और बच्चों को सेहतमंद बनाने के लिए हर माह चार-चार पैकेट पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। इस पैकेट के साथ हर दूसरे माह प्लास्टिक का एक ​चम्मच दिया जाना है। लेकिन पोषाहार आपूर्ति करने वाली एजेंसी कभी तीन माह में तो कभी छह माह में एक चम्मच देती है। हालांकि इस चम्मच की कीमत महज एक रुपए है। लेकिन एजेंसी एक साल में करीब एक करोड़ चम्मच का घपला कर रही है।

    18.32 लाख महिलाओं व बच्चों को हर दूसरे महीने देनी है चम्मच, पर कभी तीन तो कभी छह माह में दे रहे

    ऐसे समझें… चम्मच की हेराफेरी का गणित : गर्भवती, दूध पिलाने वाली मां और तीन साल तक के बच्चों यानी कुल 18.32 लाख को हर दूसरे महीने पोषाहार पैकेट के साथ चम्मच देना है। यानी साल में छह बार, जो 1.10 करोड़ होता है। लेकिन एजेंसी किसी सेंटर में तीन माह ताे किसी में छह माह में एक बार चम्मच दे रही है। यानी साल में करीब एक करोड़ चम्मचों की चोरी हो रही है। यह भी वहीं दी जा रही है, जहां सेविका-सहायिकाएं मांगती हैं। करीब 90 फीसदी सेविका-सहायिका को इसकी जानकारी नहीं है।

    स्वास्थ्य पर भी असर…क्योंकि नापकर पोषाहार खाना है

    आंगनबाड़ी केंद्रों में लाभुक काे महीने में 24 दिन रेडी टू ईट खाने के लिए दिया जाता है। यह पाैष्टिक आहार है। इसलिए राेजाना चम्मच से नापकर ही आहार का सेवन करना है, लेकिन चम्मच नहीं दिए जाने से लाभुक बिना मापे ही पोषाहार का सेवन कर रहे हैं। ऐसे में कभी कम ताे कभी अधिक का सेवन कर रहे हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।

    चम्मच दिए बिना रसीद पर हस्ताक्षर कराती है एजेंसी

    एजेंसी के कर्मचारी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार का पैकेट देने के बाद प्राप्ति रसीद पर सेविका का हस्ताक्षर कराते हैं। इसमें चम्मच दिए जाने का भी उल्लेख हाेता है, लेकिन पैकेट में चम्मच नहीं हाेता है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की सेविकाओं काे चम्मच की जानकारी नहीं हाेने की वजह से वे बिना पूछताछ किए प्राप्ति रसीद पर हस्ताक्षर कर देती हैं।

    चम्मच नहीं देना गंभीर बात, जांच कराकर कार्रवाई करेंगे
    आंगनबाड़ी केंद्रों को दिए जा रहे पोषाहार पैकेट के साथ चम्मच देने का नियम है ताे एजेंसी काे देना ही हाेगा। चम्मच नहीं मिलने की जानकारी अभी तक नहीं मिली है। एजेंसी चम्मच नहीं दे रही है ताे यह गंभीर बात है। पूरे मामले की जांच कराकर एजेंसी पर कार्रवाई की जाएगी।

  • बाबूलाल मरांडी ने CM सोरेन पर बोला हमला, कहा- ‘ED से बचने के लिए सरकारी खजाने का हो रहा है इस्तेमाल’

    झारखंड के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जोरदार हमला बोला है. बाबूलाल मरांडी ने संकल्प यात्रा शुरू होने से पहले से हेमंत सोरेन सरकार पर हमलावर रहे है. उन्होंने बताया था कि अपने संकल्प यात्रा में वे जनता को सरकार की खामियों से रूबरू करवाने का काम करेंगे. ऐसे में वो अब सरकार को कठघरे में खड़ा कर भी रहे हैं.

    आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हेमंत सोरेन को दोबारा समन भेजकर उनकी चल-अचल संपत्ति के बारे में पूछताछ के लिए 24 अगस्त को बुलाया है. जिसमें उनके जमीन-जायजाद और मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में ED उनसे पूछताछ करेगी. वहीं अब बाबूलाल मरांडी ने भी अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर सरकार द्वारा कानूनी प्रक्रिया में खर्च का हिसाब देने की बात कही है.

    ‘सीएम ने अदिवासियों की जमीन लूटी’

    दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि, हेमंत सोरेन रांची के मोराबादी मैदान में आएं और बताएं कि हेमंत कुमार सोरेन कौन है? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बताए कि बसंत कुमार सोरेन कौन है? मुख्यमंत्री ये भी बताए कि दुर्गा प्रसाद सोरेन कौन है? उन्होंने कहा कि, हेमंत सोरेन के लोगों ने राज्य में करीब एक हजार करोड़ के पत्थर लूट की है, जिसकी जांच उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई द्वारा की जा रही है. उन्होंने आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री ने अपना और अपने पिता शिबू सोरेन का नाम बदलकर अदिवासियों की जमीन लूटने का काम किया है. बाबूलाल मरांडी के अनुसार हेमंत सरकार ED के सवालों से बचने के लिए कानूनी प्रक्रिया का सहारा ले सकते हैं, जिस प्रक्रिया में भारी भरकम रुपये खर्च होंगे.

    ‘जनता को खर्च हुए रुपयों का हिसाब दें’
    अब देखने वाली बात यह होगी कि वे इन रकमों का भुगतान अपनी जेब से करेंगे या सरकारी कोष से करेंगे. उन्होंने आगे कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार खुद को और अपने गुनाहों में शामिल तमाम लोगों को भी बचाने का काम कर रहे हैं. जिसमें करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गये हैं. वहीं अब झारखंड सरकार श्वेत पत्र जारी कर जनता को खर्च किये गये रुपयों का हिसाब दे. वहीं सांसद सह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी हेमंत सोरेन को घेरते हुए कहा है कि, चलो बुलावा आया है ईडी ने बुलाया है. उन्होंने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री निर्दोष हैं तो उन्हें ED का सहयोग करना चाहिए आखिर न्याय प्रक्रिया से वे कब तक भागेंगे.

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