
धनबाद | केंद्र सरकार में जहाँ एक चायवाले प्रधानमंत्री बने वही निरसा के हाड़ियाजाम में गौतम चाय वाला बन गए थे मुखिया और चला डाला था गांव की सरकार, निरसा के विधायक हो या धनबाद के संसाद सभी गौतम के कायल हैं निरसा में बच्चे से लेकर बड़ों तक के जुबान जुबान पर गौतम चायवाले का नाम आपको सुनने को मिल जाएगा इनका सुभाव इनके हाथों से बने चाय की तरह मिठास भर देता है. पर इस बार महिला सीट होने के कारण ग्रामीणों ने इनकी पत्नी कानन दत्ता को चुनाव मैदान में उतार दी और इनके विपक्ष में एक मुर्गा बेचने वाले कि पत्नी माला दास टक्कर दे रही है.
निरसा के हाड़ियाजाम पंचायत में कल चुनाव होना है और निरसा ही नहीं पूरे जिले के लोगों की नज़र इस सीट पर टिकी हुई है क्योंकि पिछले बार इस पंचायत के मुखिया गौतम चायवाले थे.जबकि इस बार उनकी पत्नी जो गौतम का हाथ बटाती थी आज वह महिला सीट होने के कारण अपने पति की सल्तनत को चलाने के मैदान में हैं पर प्रखंड कर्यालय के गलत नीति का विरोध यहाँ के ग्रामीण कर रहें हैं .दरअसल चायवाली के खिलाफ जो चुनाव मैदान में अपना ताल ठोक रही है वो दूसरे पंचायत से आकर इस पंचायत में चुनाव लड़ रही है.
चुनाव मैदान में उतरने से पहले अपना फ़र्ज़ी पता दिखा कर चुनाव में खड़े हैं .जिसका विरोध लगातार ग्रामीण और खुद गौतम चायवाले ने किया और लिखित में इसकी शिकायत चुनाव आयोग से लेकर जिला प्रशासन तक कि पर प्रात्यशि पति कांग्रेस के निरसा उपाध्यक्ष होने के कारण कोई करवाई नहीं हुई. जिसका विरोध चुनाव से पहले ही होने लगा।बहरहाल अब देखना यह है कि क्या इस बार निरसा हाड़ियाजाम के ग्रामीण फिर से अपने चाहते चायवाली को मुखिया के रुप चुनते हैं या मुर्गेवाली को पर यह सीट काफी दिलचस्प हो गयी है।