पलामू धान घोटाला : गोदाम तक धान पहुंचे बिना ही, खा गए धान के पैसे, किया गया ससपेंड

पलामू में धान खरीदारी का एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के तीन अधिकारियाें ने काेराेनाकाल में कागजाें पर 16250 क्विंटल धान की खरीदारी दिखा कर 3.25 कराेड़ रुपए की हेराफेरी हुई दी। जबकि धान निगम के गाेदाम में पहुंचा ही नहीं और दाे हजार रु. प्रति क्विंटल की दर से पैसे निकाल लिए गए।
मामले की जानकारी मिलने पर एफसीआई झारखंड के क्षेत्रीय महाप्रबंधक हर्षित पटेल ने चैनपुर के डिपो इंचार्ज सह क्रय अधिकारी सोनल डांगिल, विश्रामपुर के डिपो इंचार्ज सह क्रय अधिकारी अमित गुड़िया और विश्रामपुर के ही डिपो इंचार्ज राकेश कुमार सिन्हा काे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, धान खरीदारी में ये हेराफेरी काेराेनाकाल यानी वर्ष 2020-2021 में की गई है। गड़बड़ी की शिकायत पर एफसीआई की सेंट्रल विजिलेंस टीम ने मामले की जांच की थी। निगम कर्मियों ने ही गड़बड़ी का राज खाेला था। पलामू में हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच हो सकती है।
चैनपुर और विश्रामपुर में धान का फर्जी कागजात दिखाया
विजिलेंस की जांच में चैनपुर व विश्रामपुर धान अधिप्राप्ति केंद्र से 16250 क्विंटल धान गायब मिला। इसका दाम 3.25 करोड़ है। एफसीआई में मिलर को चावल देना पड़ता है और उसके बदले धान का उठाव करते हैं।
चैनपुर व विश्रामपुर में धान था ही नहीं, इसलिए सरायकेला के फर्जी कागजात पर चावल दिखाया गया। सरायकेला में प्रतिनियुक्त एफसीआई प्रबंधक (गुण नियंत्रण) अनीता केरकेट्टा ने अफसरों को घाेटाले की सूचना दी थी।