JHARKHANDRANCHI

दस लाख में खरीदी डॉक्टरी की डिग्री, हुए गिरफ़्तर

रांची । झारखंड में दो फर्जी डॉक्टर जिन्होंने फ़र्ज़ी डिग्री लेकर लोगो का इलाज कर रहे थे। पुलिस ने ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है।डॉक्टर को लोग भगवान का दर्जा देते है।अगर डॉक्टर ही ऐसी हरकत करेंगे तो लोगों का डॉक्टर से भी विश्वास उठ जायेगा।दोनों रांची सदर अस्पताल परिसर स्थित झारखंड मेडिकल काउंसिल में निबंधन कराने पहुंचे थे। रजिस्ट्रार डॉ. बिमलेश सिंह जब दोनों से पूछताछ कर रहे थे तभी उनकी पोल खुल गई। इसके बाद डॉ. सिंह ने दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया। इनकी पहचान कोडरमा के वेद प्रकाश द्विवेदी और हजारीबाग के उज्ज्वल सिन्हा के रूप में हुई है। दोनों ने दस लाख में फर्जी डिग्री बनवाने की बात कबूली है। बता दें दो दिन पहले भी सदर अस्पताल में मरीजों की जांच करते एक फर्जी डॉक्टर पकड़ा गया था।

पूछताछ में उज्ज्वल ने बताया कि उसने अंग्रेजी व वेद ने समाजशास्त्र से स्नातक तक की पढ़ाई की है। उज्ज्वल की एमबीबीएस डिग्री कर्नाटक जबकि वेद की ओडिशा की है। दोनों ने एमबीबीएस के चारों साल की मार्कशीट, इंटर्नशिप, माइग्रेशन व मेडिकल काउंसिल में निबंधन के साथा दोनों राज्यों की काउंसिल से झारखंड में निबंधन के लिए एनओसी जमा किया है। डॉ बिमलेश ने कहा कि प्रमाण पत्र देख लगता है कि इसमें एक बड़ा गिरोह सक्रिय है,जो लाखों लेकर बगैर पढ़े युवकों को डॉक्टर बना रहा है। जिस सफाई से प्रमाण पत्र बने हैं,उससे लगता है गिरोह अन्य को भी ऐसा प्रमाण पत्र दिया गया हो।

उज्ज्वल के पास तुमकुर तो वेद के पास कटक की डिग्री

वेद ने जो प्रमाण पत्र जमा कराया है, उसके अनुसार उत्कल यूनिवर्सिटी के एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक से 2011 में एमबीबीएस के बाद उसने रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से इंटर्नशिप की है। उज्ज्वल के प्रमाणपत्र के अनुसार उसने राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, बेंगलुरू के श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, तुमकुर से 2001 में एमबीबीएस किया है।

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