JHARKHAND

लोहरदगा : जंगल में आग लगाना गैरकानूनी अपराध, ग्रामीणों को बताया आग लगने के कुपरिणाम

लोहरदगा। स्थानीय बख्शी डीपा वन विभाग के सभागार में मंगलवार को वन प्रमंडल लोहरदगा द्वारा कार्यशाला आयोजित कर ग्रामीणों को जंगल में आग लगने की घटनाओं की रोकथाम में करने के लिए प्रेरित किया गया। जंगल में आग लगने के कुपरिणाम बताये गए। इससे होने वाली क्षति से औगत कराया गया। जंगल में जानबूझकर आग लगाने को गैरकानूनी अपराध बता कर दंड के प्रावधान को समझाया गया। कार्यशाला में मौजूद बगडू ,हिसरी, बदला ,सेन्हा झालजमीरा, उगरा, अकाशी ,कनडरा, किसको , सलैया, सेमरडीह पाखरं समेत कई गांव के ग्रामीण को जंगल में आगलगी रोकने के लिए प्रेरित किया गया। मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार ने कहा कि जंगल में आग लगाना कानूनन अपराध है।

दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कारावास व आर्थिक दंड की सजा होगी। महुआ चुनने के लिए ग्रामीण आग नहीं लगाएं ।झाड़ू से पेड़ के नीचे जमीन को साफ करें। जंगल में जलती हुई बीड़ी ,सिगरेट, माचिस की तीली हरगिज ना फेंके। आग लगने पर उसे बुझाने गए वन कर्मियों की मदद ग्रामीण करना सुनिश्चित करें। डीएफओ ने कहा जंगल में आग लगने से छोटे छोटे पौधे जल कर नष्ट हो जाते हैं । जंगल में रहने वाले दर्जनों छोटे बड़े प्राणी की मौत हो जाती है । छोटे कीट पतंग और प्राणी जंगल के मित्र होते हैं ।कहा, आग से जंगल की भूमि बंजर हो जाएगी। पर्यावरण पर इसका गंभीर दुष्परिणाम आएगा। कार्यशाला में रेंजर फॉरेस्टर राजेंद्र पंडित, जया उराँव, किशोर कुमार, आदित्य गोप ,पंकज गोप ,ग्रेवियल मिज, प्रदीप साहू, अनूप शाहदेव, प्रवीण भगत समय बड़ी संख्या में वन कर्मी और पठारी इलाके के ग्रामीण मौजूद थे।

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