झारखंड : हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग की कार्रवाई पर टिकीं निगाहें

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर संभावित कार्रवाई को लेकर अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हुई है। चुनाव आयोग अब कभी भी इस मामले में अपना फैसला सुना सकता है। इससे पहले बीते दिन हेमंत सोरेन ने आयोग को अपना जवाब भेजा है.जिसमें चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब देने के लिए एक महीने का समय हेमंत सोरेन ने मांगा है। हेमंत ने भारत निर्वाचन आयोग को भेजे गए जवाब में उनकी मां रूपी सोरेन की गंभीर बीमारी के इलाज में व्यस्तता का हवाला देते हुए कहा कि वे लगातार हैदराबाद में रहने के चलते आयोग के नोटिस का अध्ययन नहीं पा रहे है।
आयोग ने पक्ष रखने को दिया था 10 मई तक का समय
इससे पहले चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को उनके नाम पर खदान लीज लेने के मामले में नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ने आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लेख करते अयोग्यता की कार्रवाई की चेतावनी दी थी। तब इस मामले में चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन से 10 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा था। निर्वाचन आयोग को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल से मिली शिकायत और दस्तावेज भेजे हैं। इस मामले में भाजपा को भी पक्षकार बनाया गया है। बीजेपी से भी हेमंत सोरेन को दी गई नोटिस पर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
हेमंत सोरेन ने मांगी एक महीने की मोहलत
अब जबकि हेमंत सोरेन ने नोटिस का जवाब देने के लिए एक माह का समय भारत निर्वाचन आयोग से मांगा है, ऐसे में सबकी नजरें आयोग की ओर से उठाए जाने वाले अगले कदम पर टिक गई हैं। इससे पहले हेमंत ने विशेष दूत से चुनाव आयोग को अपना जवाब भेजा। हेमंत सोरेन की ओर से समय मांगे जाने के बाद निर्वाचन आयोग इस मामले में क्या रुख अपनाता है, यह देखना अहम होगा।