राजस्थान में महिला डॉक्टर के फांसी लगाने के बाद जमशेदपुर आईएमए भड़का, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग

जमशेदपुर | राजस्थान के दौसा लालसोट में डॉ. अर्चना शर्मा के आत्महत्या करने से जमशेदपुर आईएमए के सदस्य काफी गुस्से में हैं। आईएमए ने महिला डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी तक दे दी है

प्रसव के बाद अधिक ब्लीडिंग से हुई थी मरीज की मौत

आईएमए के सचिव डॉ. सौरभ चौधरी व अध्यक्ष डॉ. जीसी मांझी ने साकची कार्यालय में प्रेसवार्ता में ये बातें कहीं। आईएमए के सचिव ने बताया कि राजस्थान की डॉक्टर ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, क्योंकि सोमवार को उनके अस्पताल में एक गर्भवती की मौत हुई सबका मानना है की मौत डॉक्टर की वजह से हुई है । नेताओं के दबाव में पुलिस ने बगैर जांच हत्या का केस दर्ज कर लिया। इससे परेशान महिला डॉक्टर ने सुसाइड नोट छोड़कर आत्महत्या कर ली। इसमें डॉ. अर्चना ने लिखा है कि मैंने मरीज को नहीं मारा, प्रसव के बाद अधिक रक्तस्त्राव से उसकी मौत हुई है, जो एक बीमारी है।

इधर, डॉक्टर की आत्महत्या से देशभर के डॉक्टर आक्रोशित हैं। डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि किसी भी मरीज की मौत पर बगैर जांच हत्या का केस करना गलत है। जमशेदपुर आईएमए इसका विरोध करता है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी की बात कही।

मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग

डॉ. अर्चना शर्मा पर हत्या का केस दर्ज होने और आत्महत्या करने से नाराज जमशेदपुर आईएमए ने देशभर में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग एक बार फिर से उठाई है। सचिव ने कहा कि एक्ट लागू कराने के लिए आंदोलन किया जाएगा। प्रेस वार्ता में डॉ. मनोज कुमार, डॉ. अभिषेक मुंडू, डॉ. जॉय भादुड़ी, डॉ. गौरी, डॉ. बीएन उषा, डॉ. सुनीता कुमारी शामिल थे।

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