झारखंड में बच्चों के काफी लम्बे समय बाद हुआ ऑफलाइन एग्जाम, जेसीआरटी ने तैयार किया था प्रश्न पत्र व ओएमआर शीट

झारखंड में तीन साल बाद तीसरी से सातवीं के बच्चों का स्कूलों में गुरुवार को मूल्यांकन हो सका। पांचवीं से सातवीं के बच्चों ने जहां ओएमआर शीट पर परीक्षाएं दीं, वहीं तीसरी-चौथी के बच्चों उत्तरपुस्तिकाओं में ऑब्जेक्टिव सवालों का जवाब लिखा। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और झारखंड शैक्षिक अनुशंधान व प्रशिक्षण परिषद की ओर से राज्य भर के सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में परीक्षा का आयोजन किया गया।
प्रारंभिक स्कूलों में 2019 में ही बच्चों का मूल्यांकन किया गया था। 2020 में प्राथमिक में 16-20 मार्च और पांचवीं से सातवीं में 30-31 मार्च को परीक्षा होनी थी, लेकिन कोरोना की वजह से स्कूलों को बंद कर दिया गया। इसके बाद किसी प्रकार का मूल्यांकन नहीं हो सका और दो सालों तक बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट किया जाता रहा है। अब जब राज्य के सभी स्कूल खोल दिए गए हैं तो सरकार ने 31 मार्च को मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन किया।
इसमें पांचवीं से सातवीं के लिए 2020 में छपे करीब 15 लाख ओएमआर शीट का इस्तेमाल किया गया। बच्चों को जो ओएमआर शीट दिए गए वह उनके स्कूल का तो था, लेकिन उसमें 2019-20 के नामांकित छात्र का नाम और रोल नंबर अंकित था। बच्चों को उसे काट कर अपना नाम और रोल नंबर लिखना था। इसको लेकर भी राज्य भर में बच्चों के बीच थोड़ी असमंजस की स्थिति बनी रही, लेकिन शिक्षकों के समझाने के बाद बच्चों ने अपना पेपर कंप्लीट किया। तीन घंटे तक चली परीक्षा संस्कृति, उर्दू समेत क्षेत्रीय विषयों के सवाल बच्चों से नहीं पूछे गए। इसके सवाल शिक्षक अलग से बच्चों को देंगे और उसका टेस्ट लेंगे।
जेसीआरटी ने तैयार किया था प्रश्न पत्र व ओएमआर शीटआ
प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट को झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रांची 2019-20 में छपवाया था। कोरोना के कारण परीक्षा आयोजित नहीं हुई। जिले के सभी प्रखंडों से ससमय बच्चों के अनुकूल मांगपत्र भेजे जाने के बाद भी जिला परियोजना कार्यालय ने मांग के अनुरूप प्रश्न पत्र नहीं भेज पाया। कम प्रश्नपत्र से परीक्षा संचालन के मामले में एडीपीओ एसएसए ने स्वविवेक से काम लेने की सलाह वाट्स एप मैसेंजर पर बीआरसी को दिया है।