
हमारे जीवन में हम क्या करते है और क्या होता है कई बार ये हमारे हस्तरेखा पर पूरी तरह से निर्भर होता है। हस्तरेखा में सूर्य का पर्वत को बहुत ही खास माना गया है। अनामिका उंगली के मूल में सूर्य का स्थान होता है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार सूर्य पर्वत जितना अधिक उभरा हुआ होगा, उसका असर भी उतना ही अधिक होगा। सूर्य पर्वत के साथ सूर्य रेखा भी बहुत असर डालती है। यदि पर्वत अच्छी तरह से उभरा हुआ हो, लेकिन सूर्य रेखा कटी या टूटी हुई हो तो ऐसा व्यक्ति अभिमानी, स्वार्थी, क्रूर और अविवेकी हो जाता है।
यदि सूर्य पर्वत शनि पर्वत की ओर झुक जाए तो ऐसा व्यक्ति न्याय के क्षेत्र में सफलता जरूर हाशिल करता है। वह जज या नामी अधिवक्ता होता है। लेकिन सूर्य पर्वत का दूषित होना अच्छा नहीं माना गया है। यदि सूर्य पर्वत दूषित है तो ऐसा व्यक्ति अपराधी हो जाता है। ऐसा व्यक्ति अपराध के क्षेत्र में चरम पर पहुंच जाता है। यदि सूर्य और बुध पर्वत संयुक्त रूप से उभार लिए हों तो ऐसा व्यक्ति योग्य और चतुर होता है। उसमें निर्णय लेने की शक्ति अधिक होती है। ऐसा व्यक्ति अच्छा वक्ता, सफल व्यापारी या ऊंचा पद पाने वाला है। ऐसे व्यक्ति प्रबंधकीय गुणों से भरे हुए होते हैं। हालांकि इस तरह के लोगों के धन की लालसा बेहद अधिक होती है। उनके लिए धन कमाना ही जीवन का मकसद होता है।
हर काम में सफलता पाते हैं ऐसे लोग, यह है कारण
-हथेली में सूर्य और बृहस्पति पर्वत का एकसाथ उन्नत होता शुभ माना गया है। ऐसा व्यक्ति विद्वान, मेधावी और धार्मिक विचारों वाला होता है। इसी तरह सूर्य और शुक्र पर्वत संयुक्त रूप से उन्नत हों तो व्यक्ति विपरीत लिंग के प्रति जल्द और स्थायी प्रभाव डालने वाला होता है। वह धनवान, परोपकारी और सफल प्रशासक भी होता है।