
भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। देश भर में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध अनुयायियों के साथ-साथ हिंदुओं के लिये भी खास पर्व है। उक्त बातें सोमवार को जमुआ बुद्ध बिहार कंदजोर भंते मोहन दास ने कहा हिन्दू धर्म में गौतम बुद्ध को भगवान श्री विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है।
इतिहासकारों के अनुसार बुद्ध के जीवनकाल को 563-483 ई.पू. के मध्य माना गया है। अधिकांश लोग नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं। गौतम बुद्ध की मृत्यु, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी। बुद्धत्व की प्राप्ति व महापरिनिर्वाण का दिन बुद्ध पूर्णिमा का संबंध बुद्ध के साथ केवल जन्म भर का नहीं है। बल्कि इसी पूर्णिमा तिथि को वर्षों वन में भटकने व कठोर तपस्या करने के पश्चात बोधगया में बोधिवृक्ष नीचे बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ। कह सकते हैं उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति भी वैशाख पूर्णिमा को हुई।
बुद्ध जयंती के मौके पर कन्या पक्ष गांवा प्रखंड़ कमाता निमाडीह सुखदेव दास की पुत्र मुन्ना दास जमुआ थाना ग्राम पोबी बासुदेव दास की पुत्री माधुरी कुमारी की शादी आज बोधिष्ठ रीतिरिवाज के अनुसार किया गया मेला में वर एवं कन्या पक्ष को विवाह प्रमाण पत्र बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के द्वारा दिया मौके बुध विहार कन्दाजोर समिति अध्यक्ष मोहनदास भेखललाल दास ,कामेश्वर दास ,भीमलाल दास ,राजू दास, लखन दास, शंकर दास महेंद्र दास, महेंद्र रविदास , राजेश कुमार रबि, दमोदर रविदास, चंदिका दास, आदि मौजूद थे ।