पिता ने अपने ही हाथो ले ली अपनी मासूम सी बेटी की जान

एक बच्चे के लिए सबसे अच्छा इंशान उसका पिता होता है। लेकिन पलामू में एक पिता ने ही महज साढ़े पांच साल के अपनी बेटी को बेरहमी से मार डाला। बेटी को अपने घर पांकी थानाक्षेत्र के तेतराईं से 45 किलोमीटर दूर मेदिनीनगर लेकर आया और गला दबा कर मार दिया। पुलिस ने हत्यारे पिता आनंद कुमार सिंह उर्फ पप्पू को गिरफ्त में ले लिया है।उसने बेटी संजना की हत्या की बात कबूल की है। आनंद का कहना है कि मां-बाप के ताना से तंग आकर बेटी को मार डाला। आनंद के पिता सतानंद सिंह कोनवाई हाई स्कूल के प्रिंसिपल हैं। पिता के स्कूल में काम करने वाले चपरासी की बेटी से लव मैरिज करने के कारण परिवार के लोग नाखुश थे। इसके बाद उसकी दो बेटियां हो गईं।
अक्सर विवाद होता रहता था। गुरुवार को भी झगड़े के बाद वह पंजाब जाने की बात कह कर घर से निकला, लेकिन पीछे बेटी भी लग गई। गुस्से में बेटी को भी टेम्पू से साथ लेकर आ गया। फिर नदी किनारे उसे मार डाला।शुक्रवार की सुबह शहर थानाक्षेत्र के एचपी गैस गोदाम रोड में गोरहो मन्दिर के पास कोयल नदी में एक बच्चे का शव पड़ा होने की सूचना पुलिस को मिली। जहां बच्ची का शव मिला है, वह शहर और चैनपुर थाना का बॉर्डर इलाका है।घटना की जानकारी मिलते ही शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण महथा व चैनपुर थाना प्रभारी उदय गुप्ता घटनास्थल पर पहुंच गए। शव की जानकारी होने पर बड़ी संख्या में आस पास के ग्रामीण जुटे लेकिन बच्ची की पहचान नहीं हो स्की।सोशल मीडिया में फोटो वायरल होने के बाद बच्ची की पहचान हुई। उसके दादा और मां थाना पहुंचे। शहर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एमएमसीएच भेज दिया।
पांकी की घटना: घर से 45 किमी दूर ले जाकर की हत्या
बच्ची की मां गनीता देवी रोते हुए बताती है कि पहली शादी पतरातू हुई थी। पति बहुत मारता-पिटता था। व्यवहार सही नही होने के कारण कलेजा पर पत्थर रखकर एक बेटी को पतरातू में ही छोड़कर तेतराइ में आनंद के साथ दूसरी शादी की।आठ साल पहले यह प्रेम विवाह हुआ। दूसरी शादी से दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी संजना थी। उसे इस बात का अफसोस है कि काश वह बेटी को भी साथ लेकर जाती। थाना में पहचान के लिए फोटो देखने के साथ ही वह दहाड़ मार कर रोने लगी।
पिता ने कहा- दो-दो बेटी होने पर मां-बाप हमेशा तंग करते थे, मारते थे ताना
बच्ची के दादा सतानंद ने बताया कि बच्ची को छोड़कर उसकी मां गुरुवार को अपने रिश्तेदार के यहां गई थी।स्कूल पढ़ाने जाते वक्त रोज की तरह बच्ची को भी धनवासी टोला स्थित प्राथमिक विद्यालय में छोड़कर गए थे।
बच्ची दूसरी कक्षा में पढ़ती थी। मैं घर आया तो देखा कि आनंद कहीं चला गया है। तीन बजे के बाद संजना की खोजबीन शुरू हुई। जब आनंद को फोन किया तो उसने कहा कि बेटी उसके साथ नहीं है, वह रेलवे स्टेशन पर है। फिर उसे घर लाया गया और तब पूछा गया, तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली।