झारखंड में बिजली संकट, बिजली कटौती से परेशान है लोग

झारखंड में जारी भीषण गर्मी के बीच बिजली उपभोक्ताओं की रात काफी तकलीफदेह हालत में गुजर रही है। राज्य में बिजली की मांग 2600 मेगावाट बताई जा रही है। लेकिन, राज्य में उत्पादन एकमात्र संयंत्र टीवीएनएल से करीब 350 मेगावाट तक हो रहा है। शेष बिजली झारखंड बिजली उत्पादन निगम (जेबीवीएनएल) स्थानीय निजी उत्पादन इकाइयों आधुनिक पावर, इनलैंड पावर के अलावा राष्ट्रीय ग्रिड, सेकी और इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से पूरी करने कोशिश कर रहा है।
दिन के वक्त डीवीसी कमांड एरिया के करीब 500 मेगावाट को शामिल करते हुये 2400 मेगावाट तक बिजली उपलब्ध हो जा रही है। इसमें बड़ी राहत सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से पूर्व में हुये करार के तहत मिल रही 300 मेगावाट सौर, पवन और पन बिजली की उपलब्धता से मिल रही है। यह रात के समय लगभग नहीं मिल पा रही है जिससे संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
12 रुपये प्रति यूनिट पर भी बिजली के लाले
देश के ज्यादात्तर राज्यों में गर्मी अपने प्रचंड रूप में है। उत्पादन से अधिक जरूरत की स्थिति में राज्यों को अतिरिक्त बिजली अग्रिम और ससमय बोली लगाकर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से 12 रुपये प्रति यूनिट तक की दर से खरीदनी होती है। राज्यों की मांग के मुकाबले इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के पास बहुत कम बिजली उपलब्ध रह रही है।