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नीरज हत्याकांड की सुनवाई के दौरान के मामले में जेल में बंद पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह समेत सभी 11 आरोपितों

मनोज कुमार सिंह ब्यूरो चीफ

नीरज हत्याकांड की सुनवाई के दौरान सोमवार को बचाव पक्ष व अभियोजन के बीच डेढ घंटे तक तीखी बहस चलती रही। इस दौरान कोर्ट परिसर में समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा दरअसल हत्‍यांकाड के मामले में जेल में बंद पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह समेत सभी 11 आरोपितों का सफाई बयान आज दर्ज किया जाना था। सभी आरोपितों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में कोर्ट में पेश भी किया गया, लेकिन संजीव सिंह, पंकज सिंह एवं डब्लू मिश्रा की ओर से उनके अधिवक्ता मोहम्मद जावेद पंकज प्रसाद एवं देवी शरण सिन्हा ने आवेदन देकर कहा कि उन्हें अभियुक्तों से पूछे जाने वाले प्रश्नों की पूरी सूची उपलब्ध कराई जाए, ताकि वह उसका जवाब लिखित रूप से दे सकें।

अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने दलील देते हुए कहा कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि अपना बयान वह अपने अधिवक्ताओं से संपर्क कर व सोच-विचार कर ही देंगे। इसलिए वर्ष 2009 में सीआरपीसी की धारा 313 की उप धारा 5 में इसे संशोधित कर लाया गया है, इसलिए उनके अधिकार से उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता।इसका अभियोजन ने पुरजोर विरोध किया और कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बयान दर्ज किए जाने से पहले अभियुक्तों को प्रश्नों की सूची दे दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने समय देने से इन्‍कार किया, जिस पर बचाव पक्ष द्वारा अपने आवेदन पर बहस करने के लिए और विभिन्न अदालतों के निर्णय को दाखिल करने के लिए समय की याचना की गई और समय आवेदन दाखिल किया गया। कहा गया कि उन्हें दो दिन का समय दिया जाए। वह इस आवेदन पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय अदालत में दाखिल करेंगे।

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कोर्ट में काफी तीखी बहस चलती रही। अंत में अदालत ने कहा कि वह इस पूरे मामले पर अपना आदेश पारित करेगी जिसके बाद सभी अभियुक्तों को बिना बयान दर्ज किए ही वापस जेल भेज दिया गया।

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