
यूनियन क्लब धनबाद 70 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई है। यह अनियमितता माैज-मस्ती करने के लिए की गयी थी । इसके लेकर क्लब के सदस्यों के बीच विवाद जोरो सोरो से जारी है । नई कमेटी पुरानी कमेटी पर लगातार जोर बना रही है। इसे लेकर विवाद फिलहाल थमने का का नाम नहीं ले रहा है। पिछले वर्ष सितंबर में हुई वार्षिक जनरल मीटिंग कमेटी के अधिकतर पदाधिकारी नहीं पहुंचे पाए थे। वार्षिक जनरल मीटिंग में प्रस्तुत फाइनेंशियल रिकार्ड पर भी सवाल उठा था। इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी उजागर हुई थी।
एजीएम में वित्तीय अनियमितता पर चर्चा
बुधवार को दोबारा हुए एजीएम में पूर्व की कमेटी पर 70 लाख रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगा। इसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 का लेखा-जोखा पेश हुआ। इसमें हुई गड़बड़ियों पर विस्तृत चर्चा हुई। सहमति के साथ तत्कालीन कमेटी पर निंदा प्रस्ताव पारित हुआ। उपस्थित सदस्यों ने इतनी बड़ी गड़बड़ी पर सभी को आड़े हाथों लिया। क्लब के सचिव रितेश शर्मा ने बताया कि मीटिंग में सहमति बनी कि पांच वर्षों तक पूर्व की कमेटी के सदस्य किसी भी पद पर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। सिर्फ यही नहीं 70 लाख की वित्तीय गड़बड़ी की भरपाई अपने मेंबरशिप फीस और अन्य मद से करेंगे। इसके लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया गया है।
क्लब के बायालाज के खिलाफ काम
यह भी बताया कि इस कमेटी ने क्लब से हुई आय बैंक में जमा ही नहीं की और अन्य मद में खर्च कर दी। यह क्लब के बायलाज के खिलाफ है। क्लब की पूर्व की कमेटी के जिन सदस्यों पर निंदा प्रस्ताव पारित हुआ है, उनमें डा डीके सिंह, अमरजीत सिंह, रतनजीत सिंह डांग, अमित कुमार, विनोद कक्कर, पुनीत तुलसियान, राहुल नारंग, अंकित, संदीप कुमार, संजीव अग्रवाल और राकेश कुमार शामिल हैं। वार्षिक एजीएम में क्लब के कार्यकारी अध्यक्ष अमितेष सहाय, उपाध्यक्ष अतुल डोकानिया, सचिव रितेश शर्मा, मनोज खेमका, विजय अग्रवाल समेत क्लब के 70 सदस्य उपस्थित थे।