देवघर : युवक को हेलिकॉप्टर से गिरता देख डर गई थी कौशल्या देवी

देवघर हादसे की शिकार भागलपुर की कौशल्या देवी उस मंजर को याद करके काफी दर जाती है। जिले के काजीचक की कौशल्या देवी ने हाथ जोड़कर ईश्वर का धन्यवाद दिया कि भोलेनाथ ने बचा लिया नहीं तो पूरा परिवार नहीं बच पता । रविवार को त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे में करीब 24 घंटों तक ट्रॉली में फंसी रही थी कौशल्या देवी। रेस्क्यू टीम के द्वारा उन्हें निकाला गया। मंगलवार को अपने घर भागलपुर लौटने के बाद कौशल्या देवी ने दर्दनाक आपबीती सुनाई।
कौशल्या देवी ने बताया कि उनकी ट्रॉली लगभग पहुंचने वाली थी। लेकिन हादसे के बाद बीच में ही ट्रॉली फंस गई। कई घंटे तक कोई मदद नहीं मिली तो उन्होंने साड़ी का पल्लू लहराकर मदद के लिए चिल्ला रही थी। लेकिन कोई नहीं आ रहा था। सिर्फ नीचे से अनाउंस हो रहा था कि पानी और खाना भेज रहे हैं। लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही थी। एक ट्रॉली में उनके अलावा भांजा नीरज और दोनों बेटियां अनन्या राज और अन्नू राज थे। जबकि दूसरी ट्रॉली में नीरज के दास्त मुन्ना और डिंपल भी सवार थे।
लगा कि शायद रात नहीं काट पायेंगे
कौशल्या देवी ने बताया कि रविवार की शाम चढ़ने के कुछ ही मिनट बाद तेजी से ट्रॉली लहराने लगी और लोग चिल्लाने लगे। इस दौरान सिर में चोट भी लगी। लगा जैसे सब कुछ समाप्त हो गया। तीन-चार मिनट बाद वह फिर स्थिर हुआ। लेकिन लोगों की चिल्लाहट नहीं थम रही थी। घटना के बाद हमलोग मदद के लिये चारों ओर देख रहे थे, लेकिन घंटे गुजरते गये। रविवार की रात हुई तो राहत कार्य रोक दिया गया। लगा कि शायद रात नहीं काट पायेंगे और हमारा पूरा परिवार खत्म हो जायेगा। तेज हवा और अंधेरे में सभी लोग डरे सहमे थे। एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे। उन्होंने बेटी का चेहरा दिखाते हुए कहा कि अभी भी वह सहमी हुई है और मुंह सूखा हुआ है। किसी तरह रात कटी और सोमवार की सुबह हुई तो लगा जैसे शायद अब कोई मदद मिलेगी।