Month: June 2022

  • दस लाख में खरीदी डॉक्टरी की डिग्री, हुए गिरफ़्तर

    रांची । झारखंड में दो फर्जी डॉक्टर जिन्होंने फ़र्ज़ी डिग्री लेकर लोगो का इलाज कर रहे थे। पुलिस ने ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है।डॉक्टर को लोग भगवान का दर्जा देते है।अगर डॉक्टर ही ऐसी हरकत करेंगे तो लोगों का डॉक्टर से भी विश्वास उठ जायेगा।दोनों रांची सदर अस्पताल परिसर स्थित झारखंड मेडिकल काउंसिल में निबंधन कराने पहुंचे थे। रजिस्ट्रार डॉ. बिमलेश सिंह जब दोनों से पूछताछ कर रहे थे तभी उनकी पोल खुल गई। इसके बाद डॉ. सिंह ने दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया। इनकी पहचान कोडरमा के वेद प्रकाश द्विवेदी और हजारीबाग के उज्ज्वल सिन्हा के रूप में हुई है। दोनों ने दस लाख में फर्जी डिग्री बनवाने की बात कबूली है। बता दें दो दिन पहले भी सदर अस्पताल में मरीजों की जांच करते एक फर्जी डॉक्टर पकड़ा गया था।

    पूछताछ में उज्ज्वल ने बताया कि उसने अंग्रेजी व वेद ने समाजशास्त्र से स्नातक तक की पढ़ाई की है। उज्ज्वल की एमबीबीएस डिग्री कर्नाटक जबकि वेद की ओडिशा की है। दोनों ने एमबीबीएस के चारों साल की मार्कशीट, इंटर्नशिप, माइग्रेशन व मेडिकल काउंसिल में निबंधन के साथा दोनों राज्यों की काउंसिल से झारखंड में निबंधन के लिए एनओसी जमा किया है। डॉ बिमलेश ने कहा कि प्रमाण पत्र देख लगता है कि इसमें एक बड़ा गिरोह सक्रिय है,जो लाखों लेकर बगैर पढ़े युवकों को डॉक्टर बना रहा है। जिस सफाई से प्रमाण पत्र बने हैं,उससे लगता है गिरोह अन्य को भी ऐसा प्रमाण पत्र दिया गया हो।

    उज्ज्वल के पास तुमकुर तो वेद के पास कटक की डिग्री

    वेद ने जो प्रमाण पत्र जमा कराया है, उसके अनुसार उत्कल यूनिवर्सिटी के एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक से 2011 में एमबीबीएस के बाद उसने रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से इंटर्नशिप की है। उज्ज्वल के प्रमाणपत्र के अनुसार उसने राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, बेंगलुरू के श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, तुमकुर से 2001 में एमबीबीएस किया है।

  • क्यों मनाया जाता है पर्यावरण दिवस, जानिए क्या है इतिहास

    विश्व पर्यावरण दिवस– विश्व पर्यावरण दिवस को पर्यावरण दिवस और ईको दिवस के नाम भी जाता है। ये वर्षों से एक बड़े वार्षिक उत्सवों में से एक है जो हर वर्ष 5 जून को अनोखे और जीवन का पालन-पोषण करने वाली प्रकृति को सुरक्षित रखने के लक्ष्य के लिये लोगों द्वारा पूरे विश्व भर में मनाया जाता है।

    विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी स्वीडन द्वारा की जाएगी। इस वर्ष पहले विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “केवल एक पृथ्वी” को पुनर्जीवित किया जाएगा। यह विषय हरित जीवन शैली और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की आवश्यकता को बढ़ावा देगा। इस वर्ष यूएनईपी और भागीदारों द्वारा समर्थित एक अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित होने जा रही है। इस वर्ष 50वां विश्व पर्यावरण दिवस समारोह है। इस वर्ष ग्रीन सोसाइटी ऑफ इंडिया पर्यावरण संरक्षण समुदाय को प्रतिष्ठित ग्रीन इंडिया अवार्ड प्रदान करेगी।

    विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
    पूरे विश्व में आम लोगों को जागरुक बनाने के लिये साथ ही कुछ सकारात्मक पर्यावरणीय कार्यवाही को लागू करने के द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिये, मानव जीवन में स्वास्थ्य और हरित पर्यावरण के महत्व के बारे में वैश्विक जागरुकता को फैलाने के लिये वर्ष 1973 से हर 5 जून को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में विश्व पर्यावरण दिवस (डबल्यूईडी के रुप में भी कहा जाता है) को मनाने की शुरुआत की गयी जो कि कुछ लोगों, अपने पर्यावरण की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार या निजी संगठनों की ही नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

    1972 में संयुक्त राष्ट्र में 5 से 16 जून को मानव पर्यावरण पर शुरु हुए सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र आम सभा और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनइपी) के द्वारा कुछ प्रभावकारी अभियानों को चलाने के द्वारा हर वर्ष मनाने के लिये पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना हुयी थी। इसे पहली बार 1973 में कुछ खास विषय-वस्तु के “केवल धरती” साथ मनाया गया था। 1974 से, दुनिया के अलग-अलग शहरों में विश्व पर्यावरण उत्सव की मेजबानी की जा रही है।

    विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है
    बड़े पर्यावरण मुद्दें जैसे भोजन की बरबादी और नुकसान, वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ना इत्यादि को बताने के लिये विश्व पर्यावरण दिवस वार्षिक उत्सव को मनाने की शुरुआत की गयी थी। पूरे विश्वभर में अभियान में प्रभाव लाने के लिये वर्ष के खास थीम और नारे के अनुसार हर वर्ष के उत्सव की योजना बनायी जाती है।

    पर्यावरण संरक्षण के दूसरे तरीकों सहित बाढ़ और अपरदन से बचाने के लिये सौर जल तापक, सौर स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन, नये जल निकासी तंत्र का विकास करना, प्रवाल-भिति को बढ़ावा देना और मैनग्रोव का जीणोंद्धार आदि के इस्तेमाल के लिये आम लोगों को बढ़ावा देना, सफलतापूर्वक कार्बन उदासीनता को प्राप्त करना, जंगल प्रबंधन पर ध्यान देना, ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव घटाना, बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिये हाइड्रो शक्ति का इस्तेमाल, निम्निकृत भूमि पर पेड़ लगाने के द्वारा बायो-ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये इसे मनाया जाता है।

  • इन 5 चीजों से छूमंतर हो जाएंगे पिंपल्स, जानें क्या

    चाहे लड़का हो लड़की, हर कोई चाहता है कि उसकी स्किन साफ दिखे और उस पर कोई कील-मुंहासे ना हों, लेकिन अनियमित खान-पान और जीवनशैली की वजह से आजकल ज्यादातर युवा कील-मुंहासों यानि पिंपल्स की समस्या से ग्रस्त हैं।

    मुंहासों को दूर करने के लिए युवा डॉक्टरी परामर्श का सहारा तो लेते ही हैं, लेकिन कई बार कुछ ऐसे तरीके अपना लेते हैं जिनसे बाद में उन्हें बहुत पछताना पड़ता है…और मुंहासों से छुटकारा ? वो फिर भी नहीं मिलता।

    पिंपल्स के घरेलू इलाज के तरीके

    1. नींबू के टुकड़े लें और उन्हें चेहरे पर घिसें। थोड़ी देर सूखने दें और फिर गुनगुने पानी से सूखने दें। रोजाना ऐसा करें, राहत मिलेगी।

    2. जायफल को कच्चे दूध में घिसें और फिर उस लेप को चेहरे पर लगा लें। कम से कम 2 घंटे ऐसे ही चेहरे पर रहने दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें। ऐसा रोजाना करें, कुछ दिनों बाद ही चेहरे पर मुंहासे कम होने लगेंगे और निखार भी आएगा।

    3. नीम की पत्तियों को पीसकर उसका जूस चेहरे पर लगाने से भी कील-मुंहासों में राहत मिलती है। इसके लिए नीम की पत्तियों को पीस लें और फिर चेहरे पर लगाने के बाद कुछ देर ऐसे ही रहने दें। करीब 1 या 2 घंटे बाद चेहरा धो दें। कुछ वक्त तक रोजाना ऐसा करने से पिंपल्स दूर हो जाएंगे। सिर्फ पिंपल ही नहीं, चेहरे से हर तरह के दाग-धब्बे दूर होंगे।

    4. जीरा सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि मुंहासों को भी ठीक करने के लिए ये काम आता है। एक या दो चम्मॉच जीरा लें और उसे पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं। आधे या एक घंटे बाद चेहरा साफ पानी से धो दें। इस उपाय से भी मुंहासे ठीक हो जाएंगे।

    5. लहसुन में बहुत गुण हैं। यह सिर्फ खाने का ही स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि मोटापे और शरीर की चर्बी को भी कम करने में लहसुन काफी लाभदायक है। इसके अलावा लहसुन चेहरे के मुंहासों को भी ठीक करता है। इसके लिए लहसुन की 3-4 कलियां लें और उसमें 2-3 लौंग घिसकर मिलाएं। अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और कुछ देर ऐसे ही रहने दें। बाद में गुनगुने पानी से धो दें। इससे मुंहासे काफी हद तक ठीक हो जाएंगे

  • क्या हो सकते है आपके बच्चे के बिगड़ने के संकेत, पढ़े पूरी खबर

    माता पिता अपने बच्चों की हर इच्छा को पूरा करने का प्रयाश करते है । बच्चों की खुशी के लिए वो सबकुछ करते हैं जिससे बच्चे को खुशी मिले। बच्चे भी अपने माता पिता से बहुत प्यार करते हैं और उनकी बाते मानते हैं लेकिन जब बच्चे बड़े होने लगते हैं और परिवार से बाहर की दुनिया में निकलते हैं तो उनकी समाज के दूसरे लोगों से जान पहचान बढ़ती है। स्कूल या काॅलोनी में उनकी दोस्ती होती है। दोस्त बनते हैं, टीचर, बस या रिक्शा ड्राइवर, दुकानदार आदि के सम्पर्क में आते हैं।ऐसे मे बच्चो के बिगड़ने का समय होता है। वैसे लोगो को देख कर वो भी गलत बातें भी सीखने लगते हैं। उनके बर्ताव में बदलाव होने लगता है। कई बार बच्चे अपशब्द सीख जाते हैं। कम उम्र में ही बच्चे स्मोक करने लगते हैं। स्कूल बंक करके घूमने फिरने लगते हैं। हर अभिभावक को इस बात का डर रहता है कि उनका बच्चा बिगड़े नहीं। ऐसे में अगर आपको बता करना है कि कहीं आपका बच्चा किसी गलत संगत में तो नहीं या बच्चा बिगड़ तो नहीं रहा, ये जानने के कुछ तरीके हैं। इन संकेतों से करें बच्चे के बिगड़ने की पहचान, ताकि गलत राह पर न जाएं बच्चे।

    गलत भाषा बोले बच्चा

    बच्चों पर उनके आसपास के माहौल का असर जल्दी पड़ता है। बच्चे कई बार कुछ बातें सिर्फ देखकर सीख जाते हैं। बच्चों ने कभी किसी को गाली देते सुना हो तो वह भी गाली गलौज करना सीख जाते हैं। वह गाली देने लगते हैं या गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बात करते हैं। आप अपने बच्चे की भाषा पर जरूर ध्यान दें। अगर बच्चा गाली देने लगे तो उसे तुरंत टोक दें और सही गलत का फर्क बताएं। ये भी जानने का प्रयास करें कि बच्चे न कहां से इस तरह की भाषा सीखी है।

    बच्चा करे दूसरों को तंग

    कई बच्चे दूसरे को चिढ़ाते हैं और तंग करते हैं। लेकिन अगर वह अक्सर ऐसा करें और दूसरों को तंग करने में उन्हें मजा आए तो समझ जाएं कि आपके बच्चे का बर्ताव सही नहीं है। बच्चे की इस गलत आदत में सुधारने के लिए उन्हें समझाएं ताकि वह दूसरों को परेशान करना बंद कर दें।

    बच्चा करे लड़ाई -झगड़ा

    परिवार में बच्चों के बीच झगड़ा होना आम बात है लेकिन अगर अक्सर बच्चा अपने बड़े-छोटे भाई और बहन से लड़ाई या मारपीट करता हो, इसके अलावा वह आए दिन पड़ोस के बच्चों से लड़ाई करके आता हो, स्कूल से उसके झगड़े की शिकायत आएं तो आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चा बिगड़ रहा है। आपका बच्चा अपने मन मुताबिक रहना चाहता है, इसलिए दूसरे बच्चों पर हुक्म चलाता है और बिगड़ रहा है। उसके इस तरह के बर्ताव की वजह जानें और सुधारने का प्रयास करें।

  • गर्मी के दिनों में इन फूड्स का सेवन भूलकर भी ना करें, सेहत को हो सकते हैं कई नुकसान

    गर्मी के मौसम में बाहर का कुछ भी खाने से पेट जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे में कुछ भी खाने से उल्टी, दस्त, सिर दर्द, पेट की समस्या आदि हो सकती है। इसके अलावा गर्मियों में यदि खाने-पीने का ख्याल नहीं रखेंगे, तो आपको टाइफॉइड भी हो सकता है। ऐसे में कुछ भी खाने से बचें, खासकर बाहर ठेले पर मिलने वाली चीजों से परहेज करें। खाने में पौष्टिक चीजों को शामिल करें और फ्रेश फूड्स और घर का बना खाना खाएं। गर्मी के दिनों में आप कुछ चीजों के सेवन से परहेज करें।

    कई लोग बहुत ज्यादा तेल-मसाला वाला खाना पसंद करते हैं। मसालेदार भोजन गर्मियों में सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे पाचन क्रिया खराब होती है। मिर्च, अदरक, काली मिर्च, जीरा और दालचीनी इनमें होने के कारण शरीर की गर्मी बढ़ती है। मसालेदार भोजन के सेवन से मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है।

    तैलीय और जंक फूड

    अधिक तैलीय और जंक फूड्स भी खाने से बचें। ऑयली और जंक फूड कोलेस्ट्रॉल लेवल, फैट आदि को शरीर में बढ़ाते हैं। इनके लगातार सेवन से आपका पेट खराब होगा और फूड प्वॉइजनिंग भी हो सकती है।

    चाय और कॉफी

    कई लोग ऐसे होते हैं जो गर्मी के दिनों में भी ऑफिस में बैठे-बैठे लगातार चार-पांच कम चाय-कॉफी पी जाते हैं। ऐसा करने से शरीर में गर्मी पैदा होती है। इनमें मौजूद कैफीन और शुगर से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। गर्मी में हेल्दी रहना चाहते हैं, तो इनसे दूरी बना लें।

    मांस-मछली का अधिक सेवन

    मांस का अधिक सेवन भी इस मौसम में ठीक नहीं होता है। ग्रेवी वाली मछली, रेड मीट, तंदूरी चिकन या फिर सीफूड खाना पसंद करते हैं, तो बेहतर होगा कि इन दिनों इसे महीने में एक-दो बार ही खाएं। इससे पाचन शक्ति को नुकसान नहीं होगा। डायरिया से भी आप बचे रह सकते हैं। मांसाहारी भोजन शरीर में गर्मी पैदा करती है, जिसे गर्मियों में खाना सही नहीं है।

    सॉस भी कम खाएं

    ऐसे मौसम में चीज सॉस का सेवन नहीं करना चाहिए। कुछ सॉस में ज्यादा मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है, जो सेहत के लिए सही नहीं है। बेहतर है कि घर में बनी चटनी खाएं। पुदीना, धनिया पत्ती, लहसुन, आंवला, हरी मिर्च से बनी चटनी खाने से सेहत को लाभ होता है।

    आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक

    वैसे यह ठंडे पदार्थ हैं लेकिन यह बॉडी वॉर्मिंग फूड हैं। इसे खाने या पीने से आपको मजा तो आएगा लेकिन यह आपके हार्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

  • JNU कैंपस में लटकता मिला शव, फोरेंसिक टीम कर रही जांच

    जेएनयू- जेएनयू में एक युवक का शव मिलने से पुरे परिषर में हड़कंप मच गया है। JNU यूनिवर्सिटी में दिल्ली पुलिस की सक्रियता बहुत बढ़ चुकी है। मामले में पूछताछ जारी है । मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम द्वारा लगातार जांच जारी है। फिलहाल अब तक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है।शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे एक पीसीआर कॉल आई जिसके बाद पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। व्यक्ति की मौत कुछ दिन पहले होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के अंदर 40-45 वर्ष की आयु के एक व्यक्ति का शव पेड़ से लटका मिला है। क्षत-विक्षत होने के कारण शव की अब तक शिनाख्त नहीं पाई है। मौको पर पहुंची दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम मृतक का डेटा खंगालने में जुटी है। वहीं घटनास्थल से फॉरेंसिक टीम ने जांच के लिए नमूने एकत्र किए हैं।

  • जानें आज का पेट्रोल-डीजल का दाम, आपके शहर में क्या रहा भाव

    देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार 13वें दिन शनिवार 04 जून, 2022 को नहीं बदली गई हैं। पेट्रोल और डीजल के दामों में आज कोई बदलाव नहीं किया गया है, ये अपरिवर्तित रहीं हैं। पेट्रोल और डीजल के दामों में आखिरी बार 2 मई को संशोधन किया गया था, जब पेट्रोल पर 8.69 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी और डीजल में 7.05 रुपये की कमी की गई थी।

    दिल्ली-मुंबई में क्या है पेट्रोल डीजल के दाम?
    दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 89.62 रुपये बिक रहा है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में पेट्रोल की कीमत फिलहाल 111.35 रुपये है, जबकि डीजल 97.28 रुपये पर बिक रहा है।

    वहीं कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 102.63 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 94.24 रुपये प्रति लीटर है।

  • इस वजह से आज का दिन है खाश, जानें आज का इतिहास

    देश में हर दिन कोई न कोई घटना हुई रहती है जिससे हम इतिहास में पढ़ते है। हर दिन इतिहास के पन्नो में कुछ न कुछ बड़ी कारणों की वजह से लोग पढ़ते है। कुछ अच्छी घटनाये होती है तो कुछ बुरी जो अपना छाप हर किसी के जहन में छोड़ जाती है। जिनकी जानकारी होना हम सभी के लिए जरूरी है। ऐसी ही एक घटना 4 जून 1989 को चीन की राजधानी बीजिंग में घटी थी, दरसल उस वक़्त चीन की जनता शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही थी, उसी वक़्त चीन की सेना प्रदर्शन कर रहे निहत्थे नागरिको के ऊपर बंदूको और टैंक स्व हमला कर देती है जिसमें बड़ी संख्या में लोगो मारे जाते है।

    ऐसी ही कई बड़ी करणो की वजह से 4 जून का तारीख इतिहास के पन्नो में दर्ज है जिसका वर्णन सिलसिलेवार है।

    1896: हेनरी फोर्ड ने अमेरिका के डेट्रॉइट शहर में अपना पहला मॉडल परीक्षण के लिए उतारा।

    1919: अमेरिकी नौसेना ने कोस्टारिका पर हमला किया।

    1928: चीन के राष्ट्रपति हांग जोलिन की जापानी एजेंट ने हत्या की।

    1929: जॉर्ज ईस्टमेन ने पहली रंगीन फिल्म का नमूना पेश किया।

    1936 : हिंदी सिनेमा की जानी मानी अभिनेत्री नूतन का जन्म। उन्हें बंदिनी, सुजाता, अनाड़ी सहित अनेक फिल्मों में उनकी सदाबहार अदाकारी के लिए जाना जाता है।

    1940: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी की सेना ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रवेश किया।

    1944: अमेरिकी सेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रोम में प्रवेश किया।

    1958 : तीन सदस्यीय पर्वतारोही दल ने गढ़वाल पर्वत श्रृंखला में स्थित 7011 मीटर ऊंचे त्रिशूल पर्वत शिखर को फतह किया।

    1959: सी राजगोपालाचारी ने स्वतंत्र पार्टी बनाने की घोषणा की।

    1964: मालदीव ने संविधान का निर्माण किया।

    1970: ब्रिटेन से अलग होकर टोंगा एक स्वतंत्र देश बना।

    1975: अमेरिकी अभिनेत्री एंजेलिना जोली का जन्म।

    1982: इस्राइल ने दक्षिण लेबनान पर हमला किया।

    1989: चीन की राजधानी बीजिंग में थ्येनआनमन चौक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों पर सैन्य कार्रवाई।

    1991: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली गैर

  • अगले 5 दिनों देश भर में भरी बारिश, जानें अपने राज्य का हाल

    देश के पूर्वी राज्यों में आज से अगले 5 दिनों तक बारिश होने की आकांशा जताई जा रही है. अगले 5 दिन तक पूर्वी राज्य में गर्मी से रहत मिलने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले पांच दिनों के दौरान पूरे पूर्वोत्तर राज्यों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। आईएमडी ने कहा, दक्षिण-पश्चिम मानसून की वजह से इन राज्यों में बारिश होने की समभौना है। वहीं राजस्थान, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ के कुछ हिस्सों और दिल्ली एनसीआर और दक्षिण हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति संभव है। आइए जानें देश भर में कैसा रहेगा मौसम?

    इन जगहों पर होगी भारी बारिश
    आईएमडी के अनुसार, एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तर तटीय ओडिशा और इससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल और मध्य-क्षोभमंडल स्तर पर बंगाल की उत्तर-पश्चिम खाड़ी पर बना हुआ है। मौसम विभाग ने कहा है कि असम और मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में 04 जून से 07 जून तक और 07 जून को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

    हालांकि आने वाले 24 घंटों के दौरान, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

  • मोदी सरकार ने eKYC की समय सीमा बढ़ाई, किशानो के लिए नयी डेडलाइन जारी

    प्रधानमंत्री किसान योजना- प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत देश में किशानो को कोई न कोई फायदे मिलते रहते है, इसके तहत केंद्र सरकार ने किशानो के लिए हर दिन कोई नए नियम लेकर आती है। सरकार ने अभी तक अनिवार्य eKYC को पूरा करने की तिथि 31 जुलाई, 2022 तक बढ़ा दी है। पहले इसकी डेडलाइन 31 मई, 2022 थी। पीएम किसान वेबसाइट पर एक फ्लैश के अनुसार, “सभी PM किशान लाभार्थियों के लिए eKYC की समय सीमा 31 जुलाई 2022 तक बढ़ा दी है।”

    31 मई को पीएम मोदी ने जारी की 11 वीं किस्त
    31 मई, 2022 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के शिमला में 10 करोड़ से अधिक किसानों को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के तहत वित्तीय लाभ की 11 वीं किस्त जारी कर चुके है। पीएम-किसान योजना के तहत, प्रत्येक भूमिधारी किसान परिवार को प्रति वर्ष 6000 रुपये का वित्तीय लाभ दिया जाता है। यह रकम तीन किस्तों में दी जाती है।

    eKYC कैसे करें?
    1: इसके लिए सबसे पहले आप अपने मोबाइल फोन के ब्राउजर जैसे क्रोम के आइकान पर टैप करें और वहां pmkisan.gov.in टाइप करें। अब आपको पीएम किसान पोर्टल का होमपेज मिलेगा इसके नीचे जाएं और आपको e-KYC लिखा मिलेगा। इसको टैप करें और आप अपना आधार नंबर डालकर सर्च बटन पर टैप करें।

    2: अब इसमें AADHAAR से लिंक मोबाइल नंबर डालें । इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर 4 अंकों का ओटीपी आएगा। इसे दिए गए बाक्स में टाइप करें।

    3: इसके बाद एक बार फिर आपसे आधार आथंटिकेशन के लिए बटन को टैप करने को कहेगा। इसे टैप करें और अब 6 अंकों का एक और ओटीपी आपके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे भरें और सबमिट पर टैप करें।

    बता दें कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो eKYC पूरी हो जाएगी वरना Invalid लिख कर आएगा। अगर आपका eKYC पहले से ही पूरा हो चुका है तो eKYC is already done का मैसेज दिखेगा। बता दें पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश में 12 करोड़ अधिक किसान रजिस्टर्ड हैं।

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