दो एशियन गेम्स गोल्ड मेडल विजेता और ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले हरि चंद का सोमवार सुबह 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। हरि चंद होशियारपुर के गांव ढोलवाहा के रहने वाले थे और उन्होंने जलंधर के निजी अस्पताल में अपनी आखिरी सांसें ली। उनका अंतिम संस्कार 14 जून को ढोलवाहा में किया जाएगा। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है।
हरि चंद भारत के उम्दा लंबी दूरी के धावकों में से एक थे। उन्होंने दो बार (1976 और 1980) ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में हिस्सा लिया था, जहां वह 28:48.72 के समय के साथ 10,000 मीटर दौड़ के आठवें स्थान पर आए थे, जो एक भारतीय एथलीट के लिए नेशनल रिकॉर्ड था। 32 साल के बाद उनका ये रिकॉर्ड सुरेंद्र सिंह ने तोड़ा था।
इसके अलावा हरि ने 1975 में एशियाई चैंपियनशिप में 10,000 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इसके बाद उन्होंने 1978 के बैंकाक एशियाई खेलों में 5,000 और 10,000 मीटर में दो गोल्ड मेडल जीते। मास्को 1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में वह 10,000 मीटर दौड़ में दसवें पायदान पर आए थे। वह 1980 ते ओलंपिक पुरुष मैराथन में भी 22वें नंबर पर रहे थे।