झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग ने शिकायरत दर्ज़ कराई है कि ठाकुर ने लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 का उल्लंघन कर रहे है। उन्हें इस कानून की धारा 9ए के तहत अयोग्य घोषित कर उनकी सदस्यता जल्द से जल्द समाप्त की जाये। आयोग ने शिकायत के आलोक में झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से अभी तक की सारी रिपोर्ट मांगी है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने गढ़वा के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त से इस शिकायती पत्र के आलोक में समुचित कार्रवाई कर कृत कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया है। रांची के कतारी बगान सामलौंग के निवासी सुनील कुमार महतो ने भारत के निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त 23 मार्च 2022 को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित मिथिलेश कुमार ठाकुर का निर्वाचन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 9ए के दायरे में है और उनकी सदस्यता समाप्त करने योग्य है।
शिकायत में कहा गया है कि गढ़वा से चुनाव लड़ चुके मिथिलेश ठाकुर द्वारा नामांकन के अपने फॉर्म- 26 में दिये गए ब्योरे के अनुसार वह मेसर्स सत्यम बिल्डर्स, अमला टोला, चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम के पार्टनर हैं। यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है। मिथिलेश कुमार ठाकुर की कंपनी मे. सत्यम बिल्डर्स द्वारा सरकार के साथ की गई कई संविदाएं विधानसभा निर्वाचन 2019 के दौरान अस्तित्व में थी।