क्या घर में गिन कर रोटी बनाना ला सकता है बर्बादी, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र

पहले के समय जब संयुक्त परिवार होते थे तब घर के सभी सदस्य एक ही स्थान पर बैठकर साथ में भोजन करते थे, लेकिन अब एकल परिवारों में स्थिति बहुत बदल चुकी है। देखने में आता है कि आज-कल महिलाएं घर के सदस्यों के अनुसार, गिनकर रोटियां बनाती हैं। ताकि जरूरत के मुताबिक ही रोटी बनें और ज्यादा बचे न। गिनकर रोटी बनाने का तरीका प्रेक्टिकल रूप से जरूर सही लगता है लेकिन इसके कई तरह की परेशानियां हमारे जीवन में आ सकती है। आगे जानिए क्यों गिनकर रोटियां नहीं बनानी चाहिए…
इसलिए गिनकर न बनाएं रोटियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गेहूं सूर्य का अनाज है। इसलिए गेहूं से बनने वाले आटे और उससे निर्मित खाद्य पदार्थों पर भी सूर्य का भी प्रभाव रहता है। सूर्य से ही जीवन में मान-सम्मान मिलता है और कई तरह से सुख भी प्राप्त होते हैं। जब कोई महिला आटे से रोटियां बनाते समय उन्हें गिनती है तो ऐसा माना जाता है कि इससे सूर्य देवता का अपमान होता है। ऐसा करने से जीवन में कई तरह की परेशानियां होने लगती है और इसके बुरे परिणाम भी हमें भुगतने पड़ते हैं।
सनातम धर्म में ये हैं भोजन का नियम
हिंदू धर्म में पहली रोटी गाय के लिए बनाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में ऐसा रोज किया जाता है, वहां कभी अन्न की कमी नहीं होती और अनाज के भंडार भरे रहते हैं। इसके अलावा 1 या 2 रोटी घर आने वाले भिक्षुकों के लिए बनाकर अलग से रखनी चाहिए। जब भी घर पर कोई भूखा व्यक्ति आए उसे ये रोटियां जरूर देनी चाहिए। इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। सबसे आखिर में कुत्ते के लिए रोटी जरूर बनाएं। क्योंकि हिंदू धर्म में इसे भी देव स्वरूप ही माना गया है।
मेहमानों के लिए भी बनाएं भोजन
सनातन धर्म के नियम के अनुसार, गाय, भिक्षुक और कुत्ते की रोटी निकालने के बाद भी एक व्यक्ति के लिए अलग से भोजन बनाकर जरूर रखना चाहिए। ये भोजन घर आने वाले अतिथि के लिए रखा जाता है। अतिथि बिना बताए कभी भी आ सकते हैं। ऐसे में उनके लिए भोजन का प्रबंध करना हमारी जिम्मेदारी होती है। मेहमानों को कभी बिना भोजन किए घर से नहीं जाने देना चाहिए। जिस घर में मेहमान भोजन करके तृप्त होता है वहां हमेशा देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।