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बांग्लादेश : कोविड महामारी के बाद ड्रैगन पसार रहा पाव

कोविड महामारी के बाद हर देश के अर्थव्यवस्था में बहुत ही कमी देखि गयी है।अर्थव्यवस्था में रूकावट से उबरने की कोशिश तो वैसे सभी देश कर रहे हैं, लेकिन छोटे देशों पर इसका काफी खराब असर पड़ा है। वहीं, कोविड महामारी को जन्म देने वाला चीन, इस आपदा को अपने लिए फायदे में बदलने की कोशिश कर रहा है और उसकी सबसे ज्यादा नजर भारत के पड़ोसी देशों पर है। श्रीलंका को कर्ज देकर कंगाल बनाने के बाद अब चीन भारत के एक और अहम पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी तेजी से अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है, जिसके बाद सवाल ये उठ रहे हैं, कि आखिर चीन को भारत सरकार कैसे रोक सकती है.

बांग्लादेश में पैर पसारता चीन
बांग्लादेश में कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक सुधार के लिए चीन खुद को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चीन जिस तरह से आर्थिक साझेदारी करता है, वो मदद प्राप्तकर्ता देशों के लिए गले के फांस के तौर पर काम करता है। बांग्लादेश लाइव न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 3 मई को बांग्लादेश में चीनी राजदूत ली जिमिंग ने महामारी का सामना करने के बावजूद अपने विकास की प्रवृत्ति को सफलतापूर्वक जारी रखने के लिए ढाका की सराहना की है, और यहां तक कि देश के कोरोनावायरस महामारी से निपटने का श्रेय भी उन्होंने चीन को दिया है। चीनी राजदूत ने कहा था, ‘यह मुझे बहुत प्रेरित करता है और मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि चीन ने आपकी इस महान उपलब्धि में उचित योगदान दिया है।”

बांग्लादेश के लिए चीन का जाल
चीनी राजदूत का ये बयान दिखा सकता है, कि चीन, बांग्लादेश का एक विश्वसनीय आर्थिक भागीदार है लेकिन इसका टैक्स चोरी और धोखाधड़ी का अलग तस्वीर पेश करता है। चीनी संचालित भ्रष्टाचार बांग्लादेशी व्यापारिक उद्यमों, यहां तक कि सरकारी लेनदेन की कई परतों में प्रवेश कर गया है। पिछले साल, मेगाप्रोजेक्ट्स में धन के गबन का मामला सुर्खियों में आने के बाद, बांग्लादेश के अधिकारियों ने चीनी सरकार को तीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कर्ज लेने से इनकार कर दिया था। चीन, बांग्लादेश को कर्ज देकर रेलवे समेत कई और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कर्ज देना चाहता था, लेकिन चीन का वो कर्ज बांग्लादेश के सरकारी अधिकारियों के पास पहुंच गया। इसके साथ ही बांग्लादेश में एक चीनी परियोजना में बांग्लादेशी मजदूरों को काफी प्रताड़ित किया जाता है और उनके साथ मारपीट भी की जाती है। एक मजदूर की पिटाई के बाद इतनी स्थिति बिगड़ गई थी, कि बांग्लादेश लाइव न्यूज के अनुसार, उसे बेकरगंज उपजिला स्वास्थ्य परिसर में भर्ती कराया गया था।

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