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आम आदमी के लिए बुरी खबर! इन नियमों में बदलाव के चलते अब चुकानी होगी ज्यादा EMI

हाल ही में रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने रेपो रेट में 50 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इससे बैंकिंग और कारोबार सेक्टर में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कई बैंकों ने होम लोन की दरें बढ़ा दी हैं तो कई बैंक फिक्स्ड डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज की दरों में बदलाव कर चुके हैं। मौजूदा हालात में यह जानना जरूरी है कि बढ़े हुए रेपो रेट का आपकी ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा। पढ़ें यह रिपोर्ट.

इन बैंकों ने किया ब्याज दरों में बदलाव
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने एफडी की दरों में बदलाव किया है। बैंक का डाटा बताता है कि 7 से 14 दिन की मैच्योरिटी वाले टर्म डिपोजिट पर 2.7 प्रतिशत की दर से ब्याद दिया जाता है। जबकि 15 से 45 दिन की मैच्योरिटी पर 2.9 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। 46 से 90 दिन की अवधि के लिए ब्याज दर 3.25 प्रतिशत मान्य है जबकि 5 से 10 वर्ष की लंबी अवधि पर ब्याज की दर सबसे अधिक होती है। डिपोजिट की राशि दो करोड़ से कम होने पर यह दरें प्रभावी हैं।

होम लोन की ईएमआई महंगी
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ायो तो इसका असर होम लोन की ईएमआई पर भी पड़ा है। अब तक कई बैंक व वित्तीय संस्थान ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार एचडीएफसी ने रिटेल प्राइम लैंडिंग रेट आधा प्रतिशत बढ़ाया है। इंडियन ओवरसीज बैंन ने भी होम लोन बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। महीने भर में एचडीएफसी ने चौथी बार होम लोन की दरें बढ़ाई हैं। बीते 2 मई, 9 मई और 1 जून को बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाई थीं। इंडियन ओवरसीज बैंक ने रेपो आधारी लोन की दरें 7.75 प्रतिशत कर दिया है। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा बढ़ोतरी के बाद लोन का रिफरेंस रेट अब 8.6 प्रतिशत होगा। आरबीएल का रिफरेंस रेट अब 8.9 प्रतिशत होगा। इसके अलावा पीएनबी, बैंक आफ इंडिया और इंडियन बैंक ने भी ब्जाज दरों में इजाफा किया है।

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