
झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के आधा दर्जन विधायकों ने केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर शिकायत की है कि पार्टी की विधायक सीता सोरेन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा का निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल और उसका करीबी अशोक अग्रवाल सरकार को अस्थिर करने की योजना का मास्टर माइंड है।
केजरीवाल और अग्रवाल मिलकर बारी-बारी से जामा से झामुमो की विधायक सीता सोरेन के आवास पर पार्टी के विधायकों को फोन कर मिलने के लिए बुलाता है। केजरीवाल के साथ उसका करीबी अशोक अग्रवाल भी रहता है। दोनों झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों को पाला बदलकर भाजपा का साथ देने का दबाव बना रहे हैं। दोनों सरकार अस्थिर होने के बाद नई सरकार बनने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों को मंत्री का पद देने का भी प्रलोभन दे रहे हैं।
बता दें कि कुछ महीनों पहले भी हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने की साजिश रचने का मामला सामने आया था. इससे झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया था. सत्तारूढ़ दल के साथ ही गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने विपक्षी पार्टी पर प्रदेश की सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
विधायकों की ताजा शिकायतों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व सतर्क हो गया है। मोर्चा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक लिखित शिकायत के अलावा लगभग आधा दर्जन विधायकों ने इस साजिश की जानकारी मौखिक तौर पर शीर्ष नेतृत्व को दी है। यह भी बताया है कि इस मुहिम में लोबिन हेम्ब्रम का भी साथ मिल रहा है। सीता सोरेन जामा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि लोबिन हेम्ब्रम बोरियो के विधायक हैं। दोनों विभिन्न मौके पर खुलकर सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलते हैं।