कोयला गैसीकरण परियोजनाओं की हुई घोषणा, इससे झारखंड वंचित रह गया, जाने क्यों

कोल गैसीकरण परियोजना को लेकर सबसे ज्यादा कोयला भंडार वाले झारखंड में भेदभाव करने का मामला सामने आया है। तीन राज्यों में महत्वाकांक्षी कोल गैसीकरण पायलट परियोजनाओं की स्थापना के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू है। वहीं झारखंड का हाथ लगभग खली नजर आ रहे है । पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कोल गैसीकरण के लिए टेंडर जारी किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने 2022-23 के बजट में चार पायलट कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को क्रियान्वित करने की घोषणा की थी। इसी के तहत तीन पायलट प्रोजेक्ट की प्रक्रिया शुरू की गई है। एक पायलट प्रोजेक्ट की संभावना झारखंड के सीसीएल कोयला क्षेत्र में भी थी। आधिकारिक सूत्रों से मिले संकेत के अनुसार जमीन की समस्या को लेकर प्रोजेक्ट फिलहाल ठंडे बस्ते में है। हालांकि बजट में घोषित चार पायलट प्रोजेक्ट में स्थान की घोषणा नहीं थी।
इसी सप्ताह कोयला मंत्रालय की जारी रिपोर्ट में तीन गैसीकरण प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी गई है। वहीं चौथे प्रोजेक्ट पर कहा गया कि परियोजनाओं के निष्पादन के लिए, कोल इंडिया और बीएचईएल संयुक्त रूप से बीएचईएल की स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अमोनियम नाइट्रेट के उत्पादन के लिए एक उच्च राख कोयला आधारित सतह कोयला गैसीकरण परियोजना की दिशा में प्रयासरत है। जल्दी ही थान का चयन कर अंतिम रुप दिया जाएगा।
उपरोक्त परियोजनाओं में कोयले के गैसीकरण से सिनगैस का उत्पादन होगा जिसे आगे विभिन्न रसायनों के उत्पादन में उपयोग किया जाएगा। किया जाता है।कोयले के वैकल्पिक और तुलनात्मक रूप से स्वच्छ उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कोल इंडिया में कोयला गैसीकरण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।