ओड़िशा ट्रेन हादसा: जिसे मृत समझा वो वापस लौटा:बेटे की लाश देखकर पैसे नहीं होने की वजह से नहीं ला सके शव,बाद में मिली जानकारी जिंदा है बेटा

ओड़िशा के बालासोर ट्रेन हादसे में झारखंड के भी कई लोग मारे गये। आंकड़े के अनुसार चार लोगों की मौत हो गयी जबकि 11 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस हादसे में गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र के पथलडीहा के युवक के मौत की खबर मिली। पूरा परिवार शोक मनाने लगा। अचानक देर रात उसके जीवित होने की खबर आयी तो परिवार में खुशी लौट आयी।
चेन्नई में काम करता था बेटा
गंगा भुइयां का बेटा पवन कुमार( (19 वर्षीय) गुरुवार की अहले सुबह चेन्नई जाने के लिए अपने घर से निकला था। वह चेन्नई में एक रेस्टोरेंट में काम करता था। शाम चार बजे कोलकाता में वह कोरोमंडल ट्रेन पर सवार हुआ था। ट्रेन पर बैठने के बाद उसने अपने मां पिताजी से बात भी की थी। बाद में परिजनों को ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिली। परिवार वाले परेशान हो गये।
गांव के लोगों ने पैसे जमा कर भेजा
गांव के कुछ लोगों ने परिवार की हालत देखी तो पैसे जमा करके आपसी सहयोग से एक गाड़ी का इंतजाम किया और परिजनों को घटना स्थल भेजा। युवक के पिता गंगा भुइयां, पूर्व वार्ड सदस्य लालो भुइयां,पड़ोसी मन्नु शर्मा व वाहन चालक शनि दास घटना स्थल पर पहुंचे। घटना स्थल पर इन्होंने अपने बेटे की खूब तलाश की। कई शव के चेहरे देखे। एक शव की पहचान बेटे के रूप में की। उसे गांव लाने के लिए परिवार वालों के पैसे नहीं थे। बेटे का शव देखकर परिजन वापस लौट गये। बेटे का शव अपनी आंखों से देखा था परिजन परेशान थे, घर में मातम था।
देर रात मिली जानकारी जिंदा है बेटा
रविवार की देर रात आसनसोल पहुंचने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार झालसा के सचिव सौरभ कुमार गौतम के द्वारा परिजनों को सूचना दी गई कि उनका बेटा जीवित है। इलाज कटक के एक अस्पताल में चल रहा है। सूचना पर युवक के पिता गंगा भुइयां समेत अन्य परिजन अस्पताल के लिए रवाना हो गये, पुष्टी उसके पिता ने भी फोन पर की है। जाकर देखा तो बेटा सुरक्षित था।