CHAIBASA, WEST SINGHBHUM

अस्पताल में लगने वाली सिरिंज का इस्तेमाल कर प्रेशर बम बना रहे नक्सली, सुरक्षाबलों पर निशाना है मकसद

झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम जिले में करीब पांच माह से सुरक्षाबल के हजारों जवान नक्सलियों की टोह में इस भीषण गर्मी में जंगल-जंगल घूम रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर नक्सली भी सुरक्षाबलों को बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए जंगल में अपने सुरक्षित ठिकानों में घात लगाये बैठे हैं और नये-नये प्रयोग कर सुरक्षाबलों को अपने जाल में फंसाने की भी भरसक कोशिश कर रहे हैं।

झारखंड के नक्‍सली छत्‍तीसगढ़ी मॉडल को फॉलो

जिले के कोल्हान वन क्षेत्र के घनघोर जंगलों में नक्सली छत्तीसगढ़ की तर्ज पर डायरेक्शनल बम, प्रेशर बम, बूबी ट्रैप और स्पाइक्स के बाद अब सिरिंज आइईडी बम का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। 31 मई को पुलिस को सर्च आपरेशन में एक सिरिंज आइईडी मिला है।

दरअसल, पश्चिम सिंहभूम ज़िले के टोंटो थाना अंतर्गत तुंबाहाका और सरजमबुरू के साथ-साथ गोइलकेरा थाना अंतर्गत कुईड़ा एवं मारादिरी के सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने चार दिनों से नक्सल आपरेशन प्रारंभ किया है। इस क्रम में सुरक्षाबलों ने तीन दिन में 23 आइईडी बरामद की हैं। इनमें एक सिरिंज प्रेशर आइईडी भी है।

क्या है सिरिंज आइईडी

यह सिरिंज एक वायर के माध्यम से टिफिन से कनेक्ट की गयी थी। इससे पता चला है कि नक्सली अब आइईडी बनाने में यहां पहली बार अस्पतालों में प्रयोग होने वाली सिरिंज का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

बम विशेषज्ञों के अनुसार नक्सली आइईडी या प्रेशर बम में सिरिंज का इस्तेमाल स्विच के रूप में करते हैं। इसके लिये सिरिंज के पीछे और आगे तार इस तरह जोड़ी जाती है कि सिरिंज पर दबाव पड़ते ही सर्किट जुड़ जाता है और बम फट जाता है।

तुंबाहाका के जंगली रास्ते से बरामद सिरिंज आइईडी

पश्चिमी सिंहभूम जिले के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने सिरिंज आइईडी मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 31 मई को हम लोगों ने 7 आइईडी बरामद की। इनमें एक सिरिंज आइईडी भी शामिल है। सुरक्षा की दृष्टि से इसे हम लोगों ने मौके पर ही विनिष्ट कर दिया है। जिले में सिरिंज आइईडी पहली बार मिली है।

ये सामान्य सिरिंज हैं जो अस्पतालों में इस्तेमाल होती हैं। नक्सली इनका प्रयोग आइईडी बनाने में कर रहे हैं। नक्सली सिरिंज के जरिये प्रेशर बम का सर्किट कनेक्ट कर देते हैं। इसके बाद सिरिंज जमीन में खड़ा कर गाड़ दी जाती है। सामान्य सिरिंज समझकर कोई यदि इसे उठाता है या किसी का पैर पड़ता है, तो सर्किट जुड़ जाता है और आइईडी फट जाती है।

एक करोड़ के ईनामी मिसिर को पकड़ने को चल रहा अभियान

बता दें कि पुलिस के पास सूचना है कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, चमन, कांडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन आदि अपने दस्ते के सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि के लिए भ्रमणशील हैं।

इस सूचना के आलोक में 11 जनवरी 2023 से ही पूरे क्षेत्र में चाईबासा पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ की 60 बटालियन, 174 बटालियन , 197 बटालियन, 157 बटालियन, 193 बटालियन 07 बटालियन व 26 बटालियन का एक संयुक्त अभियान लगातार चलाया जा रहा है।

नक्‍सलियों के बिछाए बमों की चपेट में लगातार आ रहे ग्रामीण

नक्सलियों ने अपने आप को बचाने के लिए टोंटो थाना अंतर्गत तुम्बाहाका एवं अंजदबेड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र तथा गोइलकेरा थाना अंतर्गत ग्राम कुईड़ा एवं मारादिरी के सीमावर्ती क्षेत्र में काफी संख्या में आइईडी लगा रखी हैं।

जंगल में नक्सलियों द्वारा लगाये गये आइईडी की चपेट में आकर एक बच्चा, दो बुजुर्ग महिला समेत करीब 10 ग्रामीणों को मौत पिछले पांच माह में हो चुकी है जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें सीआरपीएफ के जवान भी शामिल हैं।

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